नोआमुंडी शिशु मंदिर में सिख धर्म के दसवें गुरु संत गोविंद सिंह जयंती परमानंद के साथ मनाई गई

नोआमुंडी – गुरुवार को विद्यालय में परमानंद के साथ सिख धर्म के दसवें गुरु संत गोविंद सिंह जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्राचार्या सीमा पालित के कर कमलों से गुरु गोविंद सिंह के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित द्वारा हुआ। कार्यक्रम के आगे कक्षा अष्टम की छात्रा सृष्टि ठाकुर ने गुरु गोविंद सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना(बिहार) में हुआ था। इनकी माता का नाम गुजरी और पिता का नाम गुरु तेग बहादुर था।गोविंद वह व्यक्तित्व है जिन्होंने आनंदपुर के सारे सुख छोड़कर, मां की ममता, पिता का साया, बच्चों के मोह छोड़कर धर्म की रक्षा का रास्ता चुना। वे महान योद्धा,कवि और आध्यात्मिक गुरु थे। इस जयंती के शुभ अवसर पर कीर्तन,भजन,देश भक्ति नृत्य आदि प्रतियोगिताएं कराई गई।आगे प्राचार्या ने अपने संबोधन में कहा गुरु गोविंद सिंह में भक्ति, शक्ति, ज्ञान, वैराग्य, समाज का उत्थान, राष्ट्र के नैतिक मूल्य की रक्षा हेतु त्याग एवं बलिदान की मानसिकता से ओत-प्रोत अटूट निष्ठा तथा दृढ़ संकल्प की अद्भुत प्रधानता थी। उन्होंने अपने जीवन का हर पल परोपकार में व्यतीत किया। प्रतियोगिता में भाग लिए छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। आगे प्रतियोगिता प्रमुख बैजंती द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं तत्पश्चात वन्दना प्रमुख स्वाति महापात्रो द्वारा शांति मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई।

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