कोरबा/ लोकसभा चुनाव नजदीक होने के कारण विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं द्वारा बड़े-बड़े नेताओं को सामने लाकर उनके सहारे से संबंधित प्रभावित पार्टी जीताने को लेकर देश की जनताओं को मतदान करने हेतु विभिन्न प्रकार ऑफर जैसे पैसे और रोजमर्रा की आर्थिक सामग्रियों अन्य प्रलोभनों का लालच देते हुए मतदान को खरीदने की कोशिश की जाती रही है। फिलहाल जनता जनार्दन के द्वारा चयन किया गया नेता अपने कार्यों एवं उत्तरदायित्वों का इन 5 सालों में निर्वहन नहीं नहीं की गई तथा संबंधित नेताओं के कार्यालय, ऑफिस या घर में जाकर अपनी समस्याओं का शिकायत करने पर, बावजूद स्थाई ग्रामीणों के साथ बदतमीजी भी किए जाने की खबर मिली है।
सफेद नकाबपोश नेताओं के कपड़े है दागदार, करते हैं जिले में नेतागिरी, काम है फुस्स…
आपको बता दें कि पिछले 15 वर्षों से दिग्गज नेताओं और जिला प्रशासन अधिकारियों के कार्यालाओं में चक्कर काटते आक्रोशित ग्रामीणों ने इस बार लोकसभा चुनाव में अपना मतदान नहीं करने की ठानी है। यह समस्या तब बनी जब समस्याओं का समय पर निराकरण नहीं हुआ अन्यथा ना ही आज तक किया गया।
5 साल में सड़कों का हुआ पांच हाल, राहगीर दुर्घटनाओं के हुए शिकार, प्रशासनिक कार्यों में की गई लापरवाही
ग्रामीणों ने बताया है कि हम लोग जिस जगह निवास करते हैं वह क्षेत्र कुसमुंडा कोयला खदान के बहुत निकट है, कोयला खदान के नीचे तथा ऊपर की भाग में मिट्टी तथा कोयला उत्खनन करने और हैवी ब्लास्टिंग होने से जान–माल की हानी बनी रहती है। कुसमुंडा खदान के भीतर तीव्र गति से बारूद ब्लास्टिंग कराया जाता है। ब्लास्टिंग होने से समूचा प्रभावित क्षेत्र प्रदूषण की चादर से ढक जाती है। जमीन और आसमान में सिर्फ हानिकारक रासायनिक प्रदूषण पूरी तरीके से फिजाओं में फैलते हुए वायु में घुलमील कर समूचे पर्यावरण को प्रदूषित कर जाती है। जिससे कि स्थाई ग्रामीणों का सांस लेना दुश्वार है। और आज स्थिति ऐसी बनी हुई है कि, सबसे ज्यादा प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्र के स्थाई निवासियों में गंभीर बीमारियों के लक्षण दिख रहे हैं, और इनकी संख्या बढ़ती हुई क्रम पर है। इसी प्रकार सड़कों का हाल भी बुरा हाल है। ग्रामीण क्षेत्र के सड़क तथा कुसमुंडा खदान के समीप बनी सड़क में भारी मात्रा पर भ्रष्टाचार की गई है। कुसमुंडा से हरदी बाजार,भटूरा जाने वाली मार्ग जर्जर होने के बावजूद कई वर्षों से मरम्मत नहीं कराई गई है। सड़कों में गड्ढे होने पर मिट्टी, बोल्डर, बालू से भर दिया जाता है। बरसात के दिनों में यह सभी खनिज सामग्रियां सड़कों से बह जाती है और राहगीर गंभीर दुर्घटनाओं का शिकार पिछले कई वर्षों से हो रहे हैं। इसी प्रकार सड़क निर्माण टेंडर प्राप्त होने पर संबंधित ठेकेदार, नेताओं और प्रशासनिक अमले में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों के सांठ–गांठ से बड़े पैमाने पर सड़क निर्माण फंड डीएमएफ राशि पर भ्रष्टाचार करते हुए डाका डाला गया है।
ग्रामीणों से करते हैं बदतमीजी, कोरबा जिले में सफेद पोशक नेता और संबंधित खदान के अधिकारी करते है दादागिरी व नेतागिरी
उल्लेखनीय है गर्मियों के मौसम में जल की कमी होने के कारण संबंधित क्षेत्रों में पीने योग्य जल की कमी है और वर्तमान में सबसे ज्यादा प्रभावित ग्रामीण हो रहे हैं। उनके गांव की जमीनों में पानी नीचे चले जाने और कुसमुंडा कोयला खदान की जमीनों को लगातार खुदाई करने से गांव का सारा पानी खदान में उतर जाता है। जिससे कि ग्रामीण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों की समस्याओं का एक पहाड़ है। मुख्यतः इनकी विकराल समस्या बसाहट, प्रदूषण, जल, रोजगार, जमीन मुआवजा, पुनर्वास, सड़क समस्या, अन्य है। जबकि एसईसीएल ने इन्हीं स्थाई ग्रामीणों की जमीनों को अधिग्रहित का अपना कोयला उत्पादन के लक्ष्य को पूर्ति कर रही है। परंतु कुसमुंडा कोयला खदान खुलने के बाद से ग्रामीणों को दोयम दर्जे में रखते हुए उनके और उनके समस्याओं का निराकरण नहीं करते हुए लगातार दुआभेदी की जाती रही है।
ग्रामीण हुए नेताओं से परेशान, दर्जनों गांव के हजारों ग्रामीण नहीं करेंगे मतदान
निर्वाचन अधिकारी के नाम ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन, प्रदूषण की मार और आर्थिक, विकराल विपत्तियों का कर रहें है दशकों सामना.
9 गांव के स्थाई निवासियों व ग्रामीण नहीं करेंगे मतदान, किया चुनाव का बहिष्कार
आपको बता दें कि कुसमुंडा खदान के अंतर्गत निकटतिय क्षेत्र मुख्यतः ग्राम– पाली,पडनिया, सोनपुरी, जटराज(चंद्रनगर), खैरभवना, रिशदी, खोडरी, चुड़ैल, आमगांव के स्थाई निवासी और ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है, साथ ही कोरबा जिला प्रशासन को मामले की शिकायत करते हुए सूचना दे दी गई है।
रिपोर्ट_विजय कुमार चौहान