5 दिवसीय बुद्ध धम्म ज्ञान चर्चा का किया गया आयोजन, महापुरुषों की प्रस्तुत की गई मन मोहक झांकियां,

5 दिवसीय बुद्ध धम्म ज्ञान चर्चा का किया गया आयोजन,
महापुरुषों की प्रस्तुत की गई मन मोहक झांकियां,

सीतापुर मिश्रिख इलाके के विश्वनाथ पुर देवगांवा अंबेडकर पार्क में धम्म देशना एवं जन जागरूकता समारोह एवं सम्राट अशोक सोशल वेलफेयर सोसाइटी के राष्ट्रीय कवि आर 0एल0 बौद्ध के द्वारा 5 दिवसीय बुद्ध धम्म ज्ञान चर्चा का आयोजन किया गया। जाने माने राष्ट्रीय कवि ने दर्शकों को बुद्ध भगवान, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, रमाबाई,सहित अन्य महापुरुषों की झांकियां प्रस्तुत की गई, धम्मा परिचारिका संघमित्रा बौद्ध अपने मुखारविंद से भगवान बुद्ध व भीमराव अंबेडकर के चरित्र पर प्रकाश डालते बताया, बुद्ध जी के बताए हुए मार्ग बुद्धम शरणम गच्छामि, धम्मम शरणम गच्छामि ,संघम शरणम गच्छामि, बुद्ध ने कहा था, हिंसा, चोरी, झूठ ,शराब ,जुआ,ऐसे गलत कर्मों से दूर रहकर ही मनुष्य अपने समाज को नई दिशा और दशा देकर आसमान की ऊंचाइयों को छू सकता है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने कहा था शिक्षित बनो संगठित बनो संघर्ष करो तभी समाज का कल्याण हो सकता है। बाबा साहब के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने भारतीय संविधान का निर्माण कर विश्व में अपना नाम रोशन किया, उनका नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। जब बाबा साहब गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने जा रहे थे,उसी समय बेटे राजरतन की मृत्यु हो गई थी, 2 बेटे व एक बेटी की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी,पत्नी रमाबाई ने कहा बेटे को दफन करवा दो उसके बाद जाना बाबा साहब ने कहा, कि मेरा बेटा तो मर चुका है, लेकिन मैं करोड़ों लोगों को मरने नही दूंगा, बेटे को कुर्बान कर दिया,पत्नी रमाबाई रोती, विलखती ,चीखती चिल्लाती रही। बेटे को बिना दफन किए ही बाबा साहब रोते हुए, गोलमेज सम्मेलन में सभी को हक़ और अधिकार दिलाने के लिए चले गए थे। पत्नी ने अपनी साड़ी का कफन बना कर अपने हाथों से बेटे का शव दफन किया,कफ़न के लिए उनके पास पैसे नही थे,किसी ने भी मदद नही की थी। बेटे राजरतन की मृत्यु से पहले भी बेटी इंदू बीमार हो गई थी ,इलाज के लिए पैसे नही थे,पत्नी ने गोबर के उपले बेचकर अपनी बेटी का इलाज कराया था,इलाज के अभाव के कारण बेटी की भी मृत्यु हो गयी थी। ऐसी दर्दनाक झांकी देख कर बाबा साहब के मानने वाले अनुयायियों के आँखों में आँसू झलक आए, लोग भाव विभोर हो गए,सभी को अपने महापुरुषों के किये गए संघर्षों से सीख लेनी चाहिए। पढ़ लिख कर ही अपने समाज विकास हो सकता है। आर एल बौद्ध ने कमेटी के पदाधिकारियों को अग्नि को साक्षी मानकर नशा, शराब ,जुआ,आदि से दूर रहने की शपथ भी दिलाई बुद्ध भगवान के बताए रास्ते पर चलने की बात कही,धम्म ज्ञान चर्चा में महापुरुषों की झांकियां प्रस्तुत कर बुद्ध भगवान व बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संघर्षो का विस्तार से वर्णन किया गया। पत्रकार / किसान एसोसिएशनजिलाध्यक्ष संतोष कुमार राव,पत्रकार अखिलेश कुमार गौतम ,जितेंद्र कुमार, तहसील अध्यक्ष सुरेंद्र गौतम समता सैनिक दल संगम गौतम विपिन कुमार का कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। बुद्ध कथा के समापन के अवसर पर कमेटी के अध्यक्ष पीडी आजाद, उपाध्यक्ष राकेश मित्रा,प्रबंधक विजय कुमार, कोषाध्यक्ष श्रीराम गौतम ,उप कोषाध्यक्ष बेचेलाल,सचिव राजेश, उपसचिव राजकिशोर, सलाहकार अमरसेन ,संयोजक शिवनंदन, उप संयोजक वीरेंद्र कुमार, सलाहकार विकास गौतम, रजनू,सियाराम,श्याम किशोर,आदि सैकड़ों की संख्या में उपस्थित रहे।
,प्रवीण संगम

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