भीमपुर में चक्काजाम कर पुलिस ग्राउंड तक रैली निकाली और कंपनी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया
संवाददाता इदरीश विरानी भीमपुर
बैतूल जिले के भीमपुर से भैंसदेही मार्ग का निर्माण करने वाली कंपनी के द्वारा मनमानी करते हुए अवैध तरीके से आदिवासी की भूमि पर स्टेट हाईवे का निर्माण कर दिया। इस मामले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के आह्वान पर विभिन्न आदिवासी संगठनों ने भीमपुर में चक्काजाम कर पुलिस ग्राउंड तक रैली निकाली और कंपनी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। भूमि विवाद और बगैर अधिग्रहण के आदिवासी की जमीन पर भीमपुर – भैंसदेही मार्ग बनाने के विरोध में विभिन्न संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में नांदा रोड पर एक घंटे तक चक्काजाम किया। पुलिस की समझाइश के बाद चक्काजाम खत्म कर भीमपुर पुलिस ग्राउंड तक तीन किलोमीटर रैली निकालकर ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव एसडीएम को पुलिस ग्राउंड में प्रेषित किया गया।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष हेमंत सरियाम ने बताया कि भीमपुर से भैंसदेही रोड निर्माण कार्य का ठेका जिस ठेका कंपनी को दिया गया था उसने सर्वे के अनुसार मौजा भीमपुर खसरा नंबर 433 में शामिल अन्य खसरा नंबर की भूमि पर स्टेट हाईवे का निर्माण किया जाना था लेकिन कंपनी द्वारा अवैध रुप से मौजा भीमपुर खसरा नंबर 79 भूमि जो कि आदिवासी सदस्य की उक्त भूमि है उसमें से लगभग दो एकड़ भूमि पर अवैध रुप से रोड का निर्माण किया गया ।
ज्ञापन में मांग की गई है कि ठेका कंपनी पर विधिक कार्यवाही के साथ पीड़ित अदिवासी किसान को तत्काल 50 लाख रुपये का मुआवाजा दिया जाए। अवैध रूप से सड़क निर्माण करने को लेकर सर्वसम्मति से पेसा नियम-2022 के तहत भीमपुर में ग्राम सभा का आयोजन किया गया। न्यायालय अनुभागीय अधिकारी भैंसदेही राजस्व मामला क्रमांक 0117/अ.6(अ) वर्ष-2022-23 मौजा भीमपुर,आदेश दिनांक-12/04/2023 के आदेश में उल्लेख किया गया है कि वर्तमान मौके पर जो सड़क का निर्माण वह नक्शे (चालू शीट) अनुसार मौके पर नही बनाई गई है। नक्शे अनुसार सड़क निर्माण नही होने से भू-स्वामीयों के मध्य सीमा विवाद उत्पन्न हुआ है जिसके कारण क्षेत्र में अशान्ति का माहौल निर्मित हुआ है।
अनुविभागीय न्यायालय आदेश को ग्राम सभा द्वारा संज्ञान लेने के पश्चात जांच मे पाया है कि रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा मौजा भीमपुर खसरा नंबर-79,भू-स्वामी मनोहर व. महाजन,मंगल व. शोभा तथा चिल्का व.लिंगा का नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। इन भूमि स्वामियों की भूमि के दक्षिण सीमा में सड़क का निर्माण पाया गया है। अवैध सड़क निर्माण से मध्यप्रदेश भू-संहिता तथा भू-अधिग्रहण कानून-2013 का उल्लंघन कर अवैध सड़क निर्माण किया गया है। प्रशासन द्वारा समय पर संज्ञान न लेने कारण जनजाति सदस्य से जुड़े भू-स्वामियों को ज़मीनी तथा आर्थिक रूप से क्षति हुई है। ग्राम सभा भू-स्वामियों के हितोपदेश को ध्यान में रखकर यह निर्णय प्रस्तावित करती है कि अवैध रूप से सड़क निर्माण करने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही तथा भू-स्वामियों को भूमि वापस करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित करती है।