व्यक्तिगत डाटा प्रोटक्शन बिल 2023 कानून समय की जरूरत मगर समय के साथ तकनीकी तालमेल व संशोधन जरूरी- डॉ डीपी शर्मा
राजस्थान विश्वविद्यालय के पोद्दार प्रबंध संस्थान में ओरियंटेशन कार्यक्रम में आज अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन सलाहकार एवं स्वच्छ भारत मिशन के प्रधानमंत्री द्वारा मनोनीत एंबेसडर प्रोफेसर डीपी शर्मा द्वारा प्रबंध एवं तकनीकी की के इन्क्लूजन एवं कन्वर्जेंस के ऊपर विशेष व्याख्यान हुआ। डॉ शर्मा ने कहा कि टेक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट एक दूसरे के पूरक हैं और बदलते हुए भूमंडलीकृत परिदृश्य में दोनों के कन्वर्जंस एवं ह्यूमन पक्ष के द्वारा अगर एक दूसरे के विकास के समानांतर ना चले तो दोनों का लंबे समय तक सरवाइव करना मुश्किल है। डॉ शर्मा ने भारत सरकार द्वारा अभी-अभी पारित डाटा प्राइवेसी बिल 2023 पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि बिल बहुत अच्छा है परंतु इसके तकनीकी पहलू कमजोर हैं जिनको दुरस्त किया जाना समय के साथ जरूरी है।
प्रोफेसर एन एम शर्मा ने भारतीय चिंतन एवं शिक्षा व्यवस्था में जीवन प्रबंधन पर व्याख्यान दिया। प्रोफेसर शर्मा ने गीता को उद्धृत करते हुए आत्म नियंत्रण करने की बात पर जोर दिया । प्रोफेसर शर्मा ने विद्यार्थियों को सुदृढ़ शारीरिक रचनात्मकता के लिए योग एवं प्राणायाम की बात कही। कार्यक्रम के समन्वयक एवं राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व डीन एवं प्रोफेसर डॉक्टर नवीन माथुर ने कहा के तकनीकी वातावरण के साथ आध्यात्मिक चिंतन करने की भी आवश्यकता है जिससे नई जनरेशन का सर्वांगीण विकास संभव हो सके । उन्होंने नए डाटा प्राइवेसी एक्ट के तकनीकी एवं प्रबंधन पहलू पर भी भी विचार रखें। पोदार प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रदीप कुमार शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया एवं ओरिएंटेशन कार्यक्रम के महत्व की जानकारी दी।
खबर राघवेंद्र सिंह R9 भारत राजाखेड़ा