संयुक्त किसान मोर्चा
………………………………..
………………………………..
किसानों की विभिन्न समस्याओं और किसान आन्दोलन के समर्थन में लिखने वाले न्यूजक्लिक समाचार चैनल के जर्नलिस्टों पर दर्ज एफआईआर के संदर्भ में।
संयुक्त किसान मोर्चा के लोगआपको अवगत कराना चाहते हैं कि बीते वर्षों में खेती के तीन काले कानूनों के खिलाफ दिल्ली में 13 माह चले किसान आंदोलन के समर्थन में लिखने वाले न्यूजक्लिक समाचार चैनल के जर्नलिस्टों पर यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की गयी, साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि विदेशी फंडिंग द्वारा किसानों के विरोध को लम्बा खींचकर सम्पत्ति को नुकसान पहँुचाने और आवश्यक आपूर्ति सेवाओं को बाधित किया गया। ये आरोप पूरी तरह से गलत हैं और साजिशपूर्ण ढंग से किसान आंदोलन को जनविरोधी और राष्ट्रविरोधी बताने के लिए लगाये गये हैं, जबकि हम जोर देकर कहना चाहते हैं कि किसान आन्दोलन एक देशभक्ति का आन्दोलन था, जिसमें देश की खेती को, किसानों को, सरकार द्वारा समर्थन मूल्य देने और सरकारी खरीद करने तथा राशन में खाद्यान्न आपूर्ति करने और देश की मंडियों को विदेशी कम्पनियों और बड़े निगमों के गठजोड़ के हस्तक्षेप से बचाने का गौरवमय उपलब्धि प्राप्त की।
मांगें निम्न हैं:
1. न्यूजक्लिक समाचार चैनल के जर्नलिस्टों पर यूएपीए कानून के तहत दर्ज एफआईआर तुरन्त वापस लिया जाए।
2. यूएपीए कानून एक अलोकतांत्रिक कानून है, जिसमें मनमाने आरोप लगाने के बाद जमानत देने से इंकार किया जाता है, इसे रद्द किया जाए।