जनपद में शुरू हुआ हाईड्रोसील का मुफ्त ऑपरेशन

जनपद में शुरू हुआ हाईड्रोसील का मुफ्त ऑपरेशन

छह सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क ऑपरेशन की सुविधा

अबतक 40 मरीजों का हुआ सफलतापूर्वक इलाज

हाथी पाँव के मरीजों को प्रदान की गईं एमएमडीपी किट

(आलोक कुमार सिंह, वाराणसी)

वाराणसी, 19 फरवरी 2022 – राष्ट्रीय वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के अंतर्गत पिछले वर्ष जुलाई में फाइलेरिया आईडीए ट्रिपल ड्रग अभियान चलाया गया था, जिसमें हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और लिम्फ़ेडेमा (हाथी पाँव) के रोगियों को चिन्हित किया गया था। अब सभी हाइड्रोसील के रोगियों की इलाज की प्रक्रिया जनपद के छह सरकारी अस्पतालों में शुरू की जा चुकी है। इलाज की सुविधा पूर्ण रूप से निःशुल्क है। शनिवार को सीएचसी चौकाघाट में दो मरीजों का ऑपरेशन किया गया।
छह सरकारी चिकित्सालय चिन्हित – मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद में पिछले वर्ष जुलाई में आईडीए अभियान के दौरान खोजे गए हाईड्रोसील और हाथी पाँव के मरीजों के इलाज के लिए छह सरकारी चिकित्सालयों को चिन्हित किया गया है। इसमें राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय चौकाघाट, लाल बहादुर शास्त्री जिला चिकित्सालय रामनगर, शहरी सीएचसी चौकाघाट, सीएचसी अराजीलाइन, सीएचसी चोलापुर एवं पीएचसी बड़ागांव शामिल हैं। इन चिकित्सालयों में हाईड्रोसील का इलाज मुफ्त में किया जा रहा है। इसके साथ ही हाथी पाँव के मरीजों को रुग्णता प्रबंधन व साफ-सफाई के लिए निःशुल्क एमएमडीपी (रुग्णता प्रबंधन दिव्यांगता बचाव) किट प्रदान की गईं हैं। जिला फाइलेरिया नियंत्रण इकाई द्वारा सभी रोगियों का निरंतर फॉलो अप किया जा रहा है।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शरद चंद पांडे ने बताया कि आईडीए अभियान के दौरान जिले में फाइलेरिया के कुल 1195 मरीज खोजे गए थे, जिसमें हाईड्रोसील के 203 एवं हाथी पाँव के 992 मरीज चिन्हित किए गए। ग्रामीण क्षेत्रों में हाईड्रोसील के 176 मरीज खोजे गए जिसमें हरहुआ में 3, सेवापुरी में 5, काशी विद्यापीठ में 9, अराजीलाइन में 13, बड़ागांव में 43, चिरईगांव में 22, चोलापुर में 31 एवं पिंडरा में 50 मरीज हैं। वहीं ग्रामीण में क्षेत्रों में हाथी पाँव के 646 मरीज खोजे गए, जिसमें हरहुआ में 46, सेवापुरी में 92, काशी विद्यापीठ में 92, अराजीलाइन में 31, बड़ागांव में 152, चिरईगांव में 77, चोलापुर में 55 एवं पिंडरा में 101 मरीज हैं। उन्होने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में विभाग तत्परता से कार्य कर रहा है जल्द ही जनपद को फाइलेरिया मुक्त कर लिया जाएगा।
40 मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज – जिला फाइलेरिया नियंत्रण इकाई के प्रभारी/बायोलोजिस्ट डॉ अमित सिंह ने बताया कि अभी तक हाइड्रोसील के 40 मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है। शेष मरीजों का इलाज जल्द ही किया जाएगा। इसके साथ ही हाथी पाँव के सभी रोगियों को एमएमडीपी किट प्रदान कर पाथ के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ करन पारिख द्वारा उन्हें स्वच्छता व साफ-सफाई के बारे में विस्तार से बताया गया है जिससे वह प्रभावित पैर की निरंतर देखभाल कर सकें। एमएमडीपी किट में एक बाल्टी, एक मग, एक टब, साबुन, तौलिया, एंटीफ़ंगल क्रीम प्रदान की जाती है।
यहाँ कर सकते हैं संपर्क – जिसे भी हाईड्रोसील या हाथी पाँव की समस्या हो तो वह मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय (डीएमओ शरद चंद पांडे – 9119814954) तथा लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर स्थित फाइलेरिया नियंत्रण इकाई (प्रभारी/बायोलोजिस्ट डॉ अमित सिंह – 9415287630) पर जाकर संपर्क कर सकता है।

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