चित्रलेखा श्रीवास की रिपोर्ट
4 नवंबर से जिले के भी सहकारी समिति मैं लटका ताला कर्मचारी रहेंगे हड़ताल में अपनी तीन सूत्री मांगों की पूर्ति हेतु संभाग स्तरीय हड़ताल में बिलासपुर में बैठे संभाग के सहकारी कर्मचारी भैसमा//छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ रायपुर पंजीयन क्रमांक 6685 महासंघ के आह्वान पर जिले के भी सहकारी समिति कर्मचारी अपनी लंबित तीन सूत्री मांगों की पूर्ति हेतु 4 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से कोरबा जिला की सभी 41 सहकारी समितियां मैं ताला लटक रही है जिससे समिति के कार्य प्रभावित होते नजर आ रहे हैं, क्योंकि समितियों के बंद होने से समिति प्रबंधक विक्रेता लिपिक एवं चौकीदार समिति में कार्य नहीं कर रहे हैं इस कारण सारा भार ऑपरेटर के ऊपर आ रहा है अभी-अभी ऑपरेटर लोग भी अपने हड़ताल समाप्त कर समितियों में वापस हुए कोरबा जिले के सभी सहकारी समिति कर्मचारी संभाग स्तरीय हड़ताल में बिलासपुर में बैठ रहे हैं और अपनी तीन सूत्री मांगों की पूर्ति हेतु एकजुट होकर शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कर रहे हैं इनकी
तीन सूत्री मांगों में प्रमुख है-: प्रत्येक समिति को तीन-तीन लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान जो मध्य प्रदेश शासन द्वारा लागू कर दिया गया है और वहां के प्रत्येक समिति को तीन-तीन लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान दिया जा रहा है उसी प्रकार छत्तीसगढ़ के भी सभी सहकारी समितियां को तीन-तीन लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान दिया जाए। दूसरा सेवन नियम 2018 में संशोधन कर पुनरीक्षित वेतनमान लागू करने। तीसरा धान खरीदी में सुखत मान्य करते हुए सुरक्षा प्रासंगिक प्रशासनिक व्यय एवं कमीशन की राशि को चार गुना बढ़ोतरी किया जाए। हड़ताल के प्रथम दिन संघ के जिला अध्यक्ष विनोद भट्ट ,सचिव तुलेश्वर कौशिक संघ के पदाधिकारी वेद प्रकाश वैष्णव, अरुण ईजवा, अशोक दुबे ,आनंद कौशिक, अरुण कश्यप नरेंद्र कश्यप, राजकुमार साहू प्यारेलाल साहू ,ऋषि कुमार पांडेय, राधेश्याम कश्यप ,रामस्वरूप जायसवाल कमल दुबे,सुश्री लता सिदार, दुलीचंद धीवर जिले के लगभग 50 से ऊपर सहकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।