आखिरकार राशन डीलर मंजनू के विरुद्ध हुआ मामला दर्ज–

आखिरकार राशन डीलर मंजनू के विरुद्ध हुआ मामला दर्ज–— इस मामले को आर9 भारत संवाददाता मनोज राघव ने उठाया था सबसे पहले और अन्य सिनियर पत्रकारो के सहयोग सभी अखबारों न्यूज चैनलों पर खबर प्रकाशित होने के बाद हुई कार्रवाई।-बसई घियाराम का राशन डीलर मजनू ने किया था बड़ा फर्जीवाड़ा——राजाखेड़ा 18 जुलाई, ग्रामीणो की लगातार शिकायत के बाद बसई घियाराम के राशन डीलर मजनूं पुत्र रामखिलाडी को जांच में राशन का गबन करने के आरोपो में विरुद्ध रसद विभाग के प्रवर्तन निरीक्षक गजेंद्र बाबू शर्मा ने राजाखेड़ा थाने में तहरीर दी है। शर्मा ने तहरीर देकर बताया कि
मजनू उचित मूल्य दुकानदार ग्राम पंचायत बसई घीयाराम राजाखेडा द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत गभीर अनियमितताऐं की गई है।

जांच के दौरान मौके पर मिले 62 उपभोक्ताओं ने राशन डीलर द्वारा माह जून 2024 में ई-केवाईसी के नाम पर पॉश मशीन पर अंगूठा निशानी लगवाकर वक्त जांच तक राशन सामग्री वितरित नहीं करना आधिकारियों को बताया था।
वंही ग्राम गढ़ी जाफर में उपभोक्ताओं ने राशन डीलर द्वारा वितरण केन्द्र स्थापित कर राशन वितरण नहीं करना बताया।
साथ ही ग्राम गढी जाफर ग्राम पंचायत बसई घीयाराम में मौजूद उपभोक्ताओं ने राशन डीलर द्वारा अभद्र व्यवहार करना, स्वय वितरण एवं ई-केवाईसी नहीं कर अन्य के द्वारा करवाना बताया। जांच के दौरान ग्राम पचायत बसई घीयाराम के अन्य ग्राम दगरा में कुल 14 उपभोक्ताओं से पूछताछ करने पर राशन डीलर द्वारा माह नई-2024 में पॉश मशीन पर अंगूठा निशानी लगवाकर पर्ची देना और राशन सामग्री वक्त जांच तक वितरण नहीं करना बताया।
जबकि ग्राम बसई धीयाराम में स्थित उचित मूल्य दुकान वक्त जांच बंद पाई गई।
जब उपभोक्ताओं के बयानों का विभागीय पोर्टल से मिलान करने पर मजनू द्वारा उपभोक्ताओं के पॉश पर अंगूठा निशानी लगाने के बावजूद राशन सामग्री वितरण नहीं कर माह मई-2024 में कुल गहू-350 किग्रा एवं माह जून-2024 में 1370 किग्रा. गेहूं का दुरूपयोग किया जाना स्पष्ट हुआ। निलंबित उचित मूल्य दुकानदार मंजनू के इस कृत्य से राष्ट्रीय सुरक्षा योजना में चयनित पात्र उपभोक्ता राशन सामग्री प्राप्त करने से वंचित रहे व उसने राजस्थान खाद्य एवं अन्य आवश्यक पदार्थ (वितरण का विनियमन) आदेश 1976 के तहत जारी प्राधिकार पत्र की शर्तों का स्पष्ट उलांघन सामने आया। यह कृत्त्य आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 की धारा 3/7 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है जिसमे उसपर कानूनी कार्यवाही आवश्यक है। संवाददाता मनोज राघव राजाखेड़ा

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