भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व संपन्न

भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व संपन्न

 

 

लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर डोमचांच नगर पंचायत स्थित शिवसागर तालाब, महथाडीह, बंगाईकला, कुदरा घाट से लेकर डोमचांच प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र में नवाडीह, बेहराडीह नवादा, पुरनाडीह, फुलवरिया, धरगांव, मसनोडीह, मसमोहना, धुमाडीह, रायडीह, खरखार सहित विभिन्न छठ घाटों पर महापर्व को लेकर उत्साह चरम पर रहा। सुबह होते ही छठवर्ती माथे पर सूप दौरा लिए विभिन्न छठ घाटों की ओर जाते दिखे करीब लाखों की संख्या में छठ वर्ती घाटों पर उदयीमान सूर्य की प्रतीक्षा में आशा लगाए बैठे हुए नजर आए। इस दौरान सूप दौरों में टिमटिमाते दिए मन में आस्था का विश्वास लिए छठवर्ती उदयमान सूर्य की परिक्रमा कर दुध व पानी से भगवान भास्कर को अर्घ्य दिए। छठ महापर्व को लेकर बंदिशे नहीं थी। महिलाओं के साथ पुरुष भी छठ पूजा का व्रत करते दिखे। छठ व्रतियों ने गुरुवार को उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके साथ ही चार दिनों तक चलने वाला सूर्योपासना का पर्व छठ संपन्न हो गया। भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए डोमचांच के शिवसागर व डोमचांच प्रखंड के बिभिन्न छठ घाट पर अहले सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। भजनों के जरिये छठी मैया व सूर्यदेव का गुणगान किया गया। छठ घाट पर रंग-बिरंगे बल्बों से आकर्षक सजावट के साथ रोशनी की गई थी। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह महापर्व संपन्न हो गया। इसके बाद व्रतियों ने अपने घरों में पारण किया। इससे पहले बुधवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा था। छठ व्रती और उनके स्वजनों ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करने के बाद देर शाम सभी छठ व्रती घर लौट गए। जबकि कुछ व्रती, जिन्होंने मन्नत मांगी थी, उन्होंने घाट पर ही रात बिताई। सभी घाट छठ मैया के गीतों से गूंजता रहा।

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