मझगवां स्थित कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में वीरांगना दुर्गावती की मूर्ति का संघ प्रमुख द्वारा किया गया अनावरण

मझगवां स्थित कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में वीरांगना दुर्गावती की मूर्ति का संघ प्रमुख द्वारा किया गया अनावरण

बिसुअल- भाषण

लोकेशन- मझगंवा/सतना

एंकर- सतना जिले के मझगंवा स्थित दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केंद्र वाल्मीकि परिसर में शनिवार 1 अप्रैल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत एवं दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेंद्र पराक्रम आदित्य के द्वारा वीरांगना दुर्गावती जी की प्रतिमा का अनावरण किया गया |

बीओ- मझगंवा स्थित दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में शनिवार एक अप्रैल को संघ प्रमुख मोहन राव भागवत और दीन दयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेंद्र पराक्रम आदित्य द्वारा वीरांगना रानी दुर्गावती जी की प्रतिमा का अनावरण किया गया। प्रतिमा स्थल को किले का स्वरूप दिया गया है।इस अवसर पर उपस्थित हजारों की भीड़ को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि रानी दुर्गावती हमारी पूज्य है और हमारे लिए देवी जैसी है।रानी दुर्गावती का स्मरण करते समय उनका स्वाभिमानी पावन चरित्र,अतुलनीय शौर्य,देशभक्ति,हरहाल में हर परिस्थिति का सामना करने की क्षमता,किसी की शरण में न जाना और उनके जीवन की तमाम अन्य बाते हमारे लिए अनुकरणीय है।सामाजिक जीवन में रहने वालों को रानी दुर्गावती के चरित्र को अपने जीवन में उतारना चाहिए।गौर तलब है कि प्रतिमा अनावरण का संपूर्ण कार्यक्रम स्थापना से लेकर जन भागीदारी से किया गया। यह कार्यक्रम सामूहिक प्रयत्न का परिणाम है। और सभी इसमें सहभागी हैं। दीन दयाल शोध संस्थान द्वारा प्रत्येक पंचायत स्तर पर 5 लोगों का समूह बनाकर हर घर में संपर्क कर सभी परिवारों को कार्यक्रम का ब्रोसर, कलेण्डर, वीरांगना दुर्गावती से संबंधित साहित्य सामग्री का वितरण एवं आमंत्रण का कार्य किया गया था। और चित्रकूट, मझगवां, बिरसिंहपुर, बरौंधा और जैतवारा मंडलों में सघन संपर्क स्थापित किया गया था। इसके अतिरिक्त चित्रकूट से लगे मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में भी लोगों से संपर्क करके कार्यक्रम में सहभागिता हेतु आमंत्रित किया गया था।इस प्रकार लगभग 2 लाख लोगों तक साहित्य को पहुंचाने का कार्य किया गया था। प्रतिमा अनावरण के अवसर पर स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव की प्रदर्शनी, पूज्य साधू सन्तों के दर्शन एवं आशीर्वाद तथा ग्रामीण क्षेत्र की विरासत और परम्परा पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित पोषक अनाजों की उपयोगिता पर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।

भाषण – मोहन भागवत,संघ प्रमुख।

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