महिलाओं ने हरतालिका पर रखा निर्जल व्रत!
भगवान भोलेनाथ जगत जननी माता पार्वती से की सौभाग्य की कामना!
*दामजीपुरा/*भीमपुर ब्लॉक केबाटला कला, दामजीपुरा सहित क्षेत्र में पति की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने मंगलवार को हरतालिका तीज व्रत रखा। सुबह महिलाओं ने पास नदी सहित अन्य नदियों पर पहुंचकर गौर निकाला और महिलाओं ने बताया कि घर आकर घट की स्थापना की। सुबह महिलाएं श्रंगार कर सामुहिक रूप से नदी पर पहुंची जहां गौर निकालकर बालू के भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाई। इसके बाद शाम को माता पार्वती व भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना की। हरितालिका तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। लगभग 36 घंटे के इस व्रत में जल तक नहीं ग्रहण करने का विधान है। महिलाओं ने मंगलवार की सुबह व्रत का संकल्प लेकर भगवान शिव के पूजन की तैयारी की।सारी महिलाओं ने सुबह में नजदीकी के नदी पर पहुंचकर सोलह शृंगार कर भगवान शंकर-पार्वती गणेश, कार्तिकेय व नंदी की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर विधि विधान से पूजा की। साथ ही उनको भोग लगाया। फिर मंगल गीतों के साथ आरती उतारी गई। कई घरों व मोहल्ले में सामूहिक पूजन के बाद हरितालिका व्रत की कथा सुनी गई व शिव पार्वती की महिमा के गीत गाए गए। महिलाओं ने कहा की आज रात्रि जागरण भी किया जायेगा तीज का व्रत आरंभ करने के लिए नव विवाहिताओं में सबसे ज्यादा उत्साह दिखाई दिया। जबकि कुंवारी कन्याओं ने भी योग्य वर की प्राप्ति के लिए भी बड़े उत्साह से व्रत रखा। इसके बाद भजन कीर्तन के कार्यक्रम आयोजित किए गए।
हरितालिका से जुड़ी प्रचलित कथा – युवतियां शिव समान वर प्राप्ति के लिए और महिलाएं पति की उत्तम आयु स्वास्थ्य और पारिवारिक संपन्नता के लिए यह व्रत व आराधना करती हैं।परम्परा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव के वरण की कामना से अपने पिता के यहां अन्न-जल त्याग कर व्रत किया था। उनकी तपस्या से शिव प्रसन्न हुए। पार्वती ने उनका वरण किया तभी से हरितालिका तीज की परम्परा चली आ रही है और महिलाएं, युवतियां हरितालिका का व्रत पूरी श्रद्धा भाव से करती हैं।