R9 भारत संवाददाता
छत्रपाल मरावी जिला मंडला की रिपोर्ट
मंडला:- पेशा कानून के 25 वर्षो में विशिष्ट नियमों के अभाव में,,पेशा,, जैसे प्रगतिशील कानून शिथिल है।
अपनी मूल भावना-हमारे गाँव में हमारे राज की संकल्पना को मूर्त रूप देने का काम नही की जा रही है। इसलिए मध्यप्रदेश के समस्त आदिवासी सामाजिक संगठन, आदीवासी क्षेत्रों में काम करने वाले बुद्धिजीवियों एवं आदिवासी समाज द्वारा पेशा कानून के विशिष्ट नियमों को लागू कराने की मांग की जा रही है।
लेकिन मध्यप्रदेश के वर्तमान भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान जी ,,राजा शंकरशाह, पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह मरावी के बलिदान कार्यक्रम जबलपुर में पेशा कानून को लागू करने की बात कही।
मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान के घोषणा आदिवासियों को स्वागत योग्य है परंतु आदिवासी सामाजिक संगठनों के बिना सुझाव के व आदीवासी विधायक के गैर मौजूदगी में जो पेशा कानून 1996 के ड्राप के विपरीत पेशा कानून के विशिष्ट नियमों व ग्राम सभा को कमजोर करने की साज़िश भाजपा सरकार आर एस एस के इशारे में कमजोर कर रही है। और एक तरफ लागू करने की बात कह रहा है।
इस षणयंत्र का अगर समय रहते एक मंच पर आदिवासी समाज आवाज बुलंद नहीं करते हैं तो वर्तमान भाजपा सरकार पेशा कानून लागू करने के बहाने ग्रामसभा के पावर, विशिष्ट नियमों को बदलकर आर एस एस के द्वारा बनाई गई पेशा कानून लागू करेगी।
पेशा कानून के विशिष्ट नियमों को लागू कराने व ग्राम सभाओं को सशक्त करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश के भोपाल में राज्य स्तरीय दो दिवसीय 18 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2021तक विचार विमर्श कार्यशाला आयोजित किया गया।
इस अवसर पर नर्मदा बचाओ समिति के संरक्षक श्री राजकुमार सिन्हा जी, गाँव गणराज्य प्रमुख गुलजार सिंह मरकाम जी, बिछिया विधायक माननीय नारायण सिंह पट्टा जी, सामाजिक कार्यकर्ता राधेशाह मरावी जी एवं जबलपुर, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, होशागाबाद, कटनी, अनुपपुर, उमरिया आदि जिलों से आदिवासी समाज के बुद्धिजीवी, समाज सेवी व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।