पंचायत चुनाव टलने के बाद चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवार का समाजसेवा में आई भारी कमी

बालूमाथ ! झारखण्ड पंचायत चुनाव की जब सूचना मिला कि दिसम्बर 2021 में पंचायत चुनाव करा लिए जाएंगे तो पता नहीं बरसाती मेंढक की तरह कितने समाजसेवियों का उत्थान अचानक से हो गया था। किसी को मालूम नहीं कि सभी समाजसेवी धूम मचाने लगे कि मैं समाजसेवा में अव्वल हूं। सभी लोग एक दूसरे का BPL, राशन कार्ड बनाना, वृद्धा पेंशन दिलवाने के संबंधित चर्चाएं फैलाने लगे थे। ऐसा लग रहा था कि पूरे पंचायत में समाजसेवियों की होड़ लग गई हो। सभी समाजसेवियों ने दीपावली, छठ पूजा की बधाई देना प्रारंभ कर दिए थे। जिसकी पहचान मतदाता करना प्रारंभ कर दिए हैं। हालांकि आज भी जो सच्चे समाजसेवी हैं जिन्हें चुनावी माहौल से कोई मतलब नहीं होता वह आज भी क्षेत्र में डटे हुए हैं और अपनी सेवा दे रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान जनता बखूबी कर रहे हैं परन्तु यही वह अवसर है जब एक बार पुनः पंचायत चुनाव होने की घोषणा किया जाएगा तो फिर से समाजसेवी मेंढक की तरह उछलते हुए चुनावी माहौल में आ जाएंगे।जिससे मतदाता उनकी पहचान कर लेगी कि कौन समाजसेवी है और कौन समाजसेवी नहीं है। फ्री में चाय पिलाने वाले समाजसेवी भी अब लापता हैं जो चुनाव समय ही दिखाई पड़ेंगे।यही हाल बालूमाथ थानान्तर्गत मूरपा क्षेत्र का है चाहे वो भगेया, मूरपा या मारगंलोइया हो या अन्यत्र।

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