साल्हेवारा:-रविवार की छुट्टी के बाद आज अचानक सोसायटी कार्यालय सेवा सहकारी मर्यादित नचनीया के नाम से पंजीकृत साल्हेवारा सोसायटी धान खरीदी केंद्र में सुबह 8 बजे से ही टोकन प्राप्ति हेतु किसानों की जद्दोजहद दिखने लगी थी।धान विक्रय हेतु किसानो की संख्या लगातार बढ़ती गयी जबकि इस अप्रत्याशित स्थिति से निपटने सोसायटी ने किसी प्रकार की कोई तैयारी नही कर रखी थी आज डाटा एंट्री आपरेटर व बाबू लोगो की शायद राजनांदगाओ में मीटिंग व अन्य कार्य हेतु गए हुवे थे।समिति प्रबंधक तक जैसे ही जानकारी पहुंची वह तुरन्त ही 10 बजे के पूर्व आनन फानन में सोसायटी पहुंचे व किसानों की रेलमपेल भीड़ देख उनके माथे में बल पड़ गए नही सूझ रहा था कि क्या किया जाए अपने ऊपर के जिम्मेदार जवाबदार अधिकारियों से बात कर मार्गदर्शन लेने का प्रयास करते लगातार अलग अलग फोन किये जा रहे थे उधर बाहर किसानों में आपाधापी मची हुई थी शीघ्र टोकन प्राप्ति हेतु समिति प्रबन्धक ने किसानों की ओर मुखातिब होकर कहा कि आज तो सोसायटी ने आप लोगो को नही बुलवाया था व बाबू लोग राजनांदगॉंव निकल गए है व सोसायटी को खरीदी की तैयारी हेतु मैदान में लाइट वग्गेरह की व्यवस्था व डमी बोरी धान वगैरह की व्यवस्था आदि करनी है ततपश्चात काफी सोच व विचार विमर्श उपरांत किसानों की जमा ऋण पुस्तिका जो कि किसानों ने क्रमबद्ध तरीके से सोसायटी के दरवाजे पर बंडलों में क्रमांक अंकित कर रख दिये थे उस क्रम हिसाब से एक रजिस्टर में ऋण पुस्तिका व किसानों के नाम पुकार पुकार कर नाम दर्ज किए जाने का सिलसिला चल रहा है 600 से ज्यादा किसानों का टोकन हेतु नाम अंकित हो चुका है शाम 6 बजे तक व लगभग सैकड़ो किसानों की ऋण पुस्तिका जमा है व किसान इस भयानक पड़ने वाली ठंड के बीच उतावले है कि हमारा भी नाम टोकन हेतु दर्ज हो जावे व सोसायटी के भी दो नवजवान कर्मचारी बाहर ठंड में टेबल लगाए ऋण पुस्तिका देखकर बता रहा है व एक नाम लिख रहा है।इस सम्बंध में समिति प्रबन्धक चालेश्वर यादव का कहना था कि धान खरीदी 1 दिसम्बर से होनी है व कल से व्यवस्था टोकन आदि की की जाती व आज खरीदी हेतु समुचित व्यवस्था रखरखाव व आसमान में बादल जो दिखाई दे रहे है उसे देखते हुवा पूरा फोकस सुरक्षा व्यवस्था व तैयारियों में था अब जो भी परिस्थितियां बनी है उसे भी सुलझाना ही है।अभी तक किसानों के नाम अंकन का कार्य चालू है व संभावना है कि रात्रि के 9-10 बजे तक यह कार्य चलता रहेगा।।