उपायुक्त सिमडेगा सुशांत गौरव की अध्यक्षता में कृषि विभाग एवं आत्मा से संबंधित योजनाओ की समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। उपायुक्त ने खरीफ 2021-22 के संबंध में पृच्छा की। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि खरीफ वर्ष 2021-22 में धान 85048 हेक्टेयर में, मक्का 7879 हेक्टेयर, दलहन 44153 हेक्टेयर, तेलहन में 5408 हेक्टेयर, मड़ुआ 2115 हेक्टर तथा ज्वार 28 हेक्टेयर में लगाया गया है। रब्बी 2021-22 के संबंध में पृच्छा किये जाने पर रब्बी में मुख्य रूप से गेहँू, चना एवं सरसों की खेती जिले में की जाती है। कृषि विभाग द्वारा वर्त्तमान में बीज विनिमय योजना अन्तर्गत 50 प्रतिशत अनुदान पर गेहँू, चना एवं मटर बीज लैम्पस के माध्यम से कृषकों को उपलब्घ कराया जाता है। इस वर्ष गेहूँ 200 क्विं0, चना बीज 50 क्विं0 का उठाव विभिन्न लैम्पस के माध्यम से किया गया जिसका वितरण जारी है। जिले के कुछ कृषक गेहूँ के स्थान पर आलू, मटर, सब्जी इत्यादि फसल की खेती करते है। उपायुक्त ने कहा कि वैसे सभी जागरूक किसानों को प्रोत्साहीत करें। सिचिंत क्षेत्र को बढ़ाना आवश्यक है। परियोजना निदेशक, आत्मा को निदेश दिया गया कि इस सम्बन्ध में एक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करे ताकि किसानों की मांग के अनुसार बीज एवं अन्य साधन की मांग की जा सके। उपायुक्त ने कहा कि जिले को प्राप्त बीज यदि शेष बचता है तो जिन किसानों को उपलब्ध कराया जायेगा उनका सूची तैयार कर लें। परियोजना निदेशक आत्मा ने बताया कि मसुर की खेती सॉयल में पी0एच0 मान अधिक होने के कारण सफल नही हो पाता है एवं सरसो की खेती में सिचांई में लागत कम होने के कारण जिले के किसानों के लिए उचित फसल होगा। हाईब्रीड सरसों के नये किस्म में आवश्यक पोषक तत्व की जरूरत होती है। जिसे किसान उपयोग नहीं कर पाते है। जिसके लिए प्रयास किया जा रहा है। उपायुक्त ने निदेश दिया कि जिले में कार्यरत सभी लैम्पस को व्यवसायिक रूप से कार्य किया जाना चाहिए। लैम्पस का चुनाव कई वर्षो से नही हाने के कारण यह अपने पुराने व्यवस्था पर चल रहा है जो गलत है। चुनाव होना आवश्यक है। इस पर कार्रवाई करने हेतु जिला सहकारिता पदाधिकारी से सम्पर्क कर चुनाव कराने तथा सभी लैम्पस का चुनाव से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया। प्रखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘‘किसान सेवा केन्द्र‘‘ नाम से संस्था चलाई जा रही है यह किस विभाग से चलाई जा रही है एवं इसका उद्देश्य क्या है क्या वे सरकार के गाईडलाईन के विरूद्व तो कार्य नही कर रहे है इसकी जांच संबंधित प्रखण्ड के बी0टी0एम/ए0टी0एम0 केे माध्यम से कराकर जांच प्रतिवेदन परियोजना निदेशक आत्मा के द्वारा समर्पित किया जाय ताकि यह स्पष्ट हो सके कि संस्था द्वारा किसानों के हित में कार्य किया जा रहा है अथवा नहीं। वित्तीय व्यय संबंधी प्रतिवेदन की समीक्षा के उपरांत उपायुक्त ने एग्री क्लीनिक योजना एवं कृषि प्रयोगशाला सुदृढ़िकरण की योजना अन्तर्गत राशि का व्यय कम पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए नियमानुसार राशि का व्यय अविलम्ब करने तथा कृषि, मेला, कार्यशाला मद में प्राप्त आवंटन के विरूद्व अबतक पूर्ण किये गये कार्यो का भुगतान यथाशीघ्र करने का निदेश दिया गया। एसएमएई योजना की समीक्षा के क्रम में परियोजना निदेशक, आत्मा को निदेशित किया कि नवनियुक्त कर्मियों यथा बी0टी0एम0, ए0टी0एम0 के मानदेय का भुगतान पहले करे ताकि उनका मनोबल बना रहे। उद्यान विभाग की योजनाओं की समीक्षा के क्रम में उन्होने बागवान मित्रों/ उद्यान मित्रों /किसानों को प्रशिक्षण के उपरांत एक-एक पौधा उपलब्ध कराया जाय ताकि वे इसे अपने जमीन में लगा कर एक उदाहरण बन सके की बात कही। 25 दिवसीय प्रशिक्षण हेतु 8 युवा कृषकों का चयन कर सूची दिनांक 06.12.2021 तक उपस्थापित करने का निदेश कृषि निरीक्षक को दिया गया। मिर्चा की खेती, ओल की खेती में लिफ्ट इरिगेशन की सुविधा प्राप्त किसानों को भी शामिल करने का निदेश दिया गया। गेंदा फूल की खेती कोलेबिरा प्रखण्ड के पोगलोया एवं ऐडेगा में रूर्बन मिशन के अन्तर्गत किया गया है उसके बगल वाले क्षेत्र में गेंदा फूल की खेती करने का निदेश दिया गया।उपायुक्त द्वारा निदेश दिया गया कि प्रत्यक्षण का कार्य हेतु वैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दिया जाय जहाँ लिफ्ट इरिगेशन का अधिष्ठापन किया गया है। एमआईडीएच योजना के समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने निदेश दिया गया कि जिले में रेशम उत्पादन हेतु मलवरी की खेती जिले के विभिन्न प्रखण्डों में की जा रही है। जिसमें शामिल किसानों के खेत में इस योजना से अच्छादित करें। उन किसानों के खेतों का घेराबन्दी का कार्य भी पूर्ण है। जिससे फसल सुरक्षित भी रहेगा एवं किसान लाभांन्वित भी होगें तथा योजना का संचालन सफलतापूर्वक हो सकेगा। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, परियोजना निदेशक आत्मा व अन्य उपस्थित थें।