कलेक्टर सहित सभी अधिकारी कर्मचारियों ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर शहीदों को याद किया

कवर्धा, 07 दिसम्बर 2021। जिले में सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया गया। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा सहित जिले के समस्त अधिकारी-कर्मचारियों ने देश के युद्ध योद्धाओं, वीरांगनाओं, सैनिकों की विधवाओं, भूतपूर्व सैनिक, युद्ध में अपंग हुए सैनिकों व उनके परिवार के कल्याण के लिए सशस्त्र सेना झंडा खरीद कर उन्हे याद किया। जिला कार्यालय में कलेक्टर के साथ संयुक्त कलेक्टर श्री इन्द्रजीत बर्मन, डिप्टी कलेक्टर श्री संदीप ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती रेखा चन्द्रा, अधीक्षक श्री राजेन्द्र कुमार धुर्वे व सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने समय सीमा की बैठक में सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर शहीदों को नमन भी किए।
उल्लेखनीय है कि 07 दिसंबर, 1949 से झंडा दिवस मनाया जा रहा है। तत्कालिन सरकार ने सन 1949 से सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने का निर्णय लिया। देश की सुरक्षा में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। इस दिन झंडे की खरीद से होने वाली आय शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण में खर्च की जाती है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस द्वारा इकट्ठा की गई राशि युद्ध वीरांगनाओं, सैनिकों की विधवाओं, भूतपूर्व सैनिक, युद्ध में अपंग हुए सैनिकों व उनके परिवार के कल्याण पर खर्च की जाती है।
7 दिसंबर, 1949 से शुरू हुआ यह सफर आज तक जारी है। आजादी के तुरंत बाद सरकार को लगने लगा कि सैनिकों के परिवार वालों की भी जरूरतों का ख्याल रखने की आवश्यकता है और इसलिए उसने 07 दिसंबर को झंडा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इसके पीछ सोच थी कि जनता में छोटे-छोटे झंडे बांट कर दान अर्जित किया जाएगा जिसका फायदा शहीद सैनिकों के आश्रितों को होगा। शुरूआत में इसे झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता था, लेकिन 1993 से इसे सशस्त्र सेना झंडा दिवस का रूप दे दिया गया।

सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास

भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में 28 अगस्त 1949 को एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने हर साल 7 दिसंबर को झंडा दिवस मनाने का फैसला किया। यह दिन मुख्य रूप से लोगों को झंडे बांटने और उनसे धन इकट्ठा करने के लिए मनाया जाता है। देश भर में लोग धन के बदले में तीन सेवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लाल, गहरे नीले और हल्के नीले रंग में छोटे झंडे और कार के झंडे वितरित करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!