महराजगंज मुख्यमंत्री के मठ क्षेत्र चौक रेंज में हुआ हिरन का शिकार : 8 गिरफ्तार, डीएफओ ने जारी किया बेतुका बयान, कहा- घटनास्थल पर न जाए पत्रकार

महाराजगंज. योगी सरकार में नही थम रहा है शिकार करने के शौक जी हां शिकार के शौकीन रखने वाले लोगो को योगी सरकार ने एक आदेश में कहा था किसी भी पशु की हत्या बर्दाश्त नहीं कि जाएगा।
लेकिन उन्ही के गृह जनपद गोरखपुर से सटे महराजगंज जनपद कर उनके मठ क्षेत्र चौक थाना क्षेत्र के सोहगीबरवा वन्य क्षेत्र में लगातार वन विभाग की लापरवाही से लगातार हो रहे है हिरन के शिकार आपको बताते चले कि मंगलवार को समय लगभग 11:30 बजे रात्रि को दक्षिड़ी चौक रेंज के कुसमहवा मालव नाला के पास गस्त के दौरान वाहन की रोशनी देख वन कर्मियों ने वह पर मौजूद लोगों को टार्च के लाइट से इशारा करके रुकने को कहा. वन कर्मियों को देख अभियुक्तगण गाड़ी छोड़कर कर भागने की कोशिश की, पर नाला होने के नाते वे भाग नही पाए वनकर्मियों ने पकड़ कर गाड़ी व अभियुक्तों की तलाशी सुरु कर दी इस दौरान अभियुक्तों ने वनकर्मियों को देखते ही झोले में रखे मांस को मालव नाले के बगल झाड़ियों में फेंक दिया, जिसको बरामद किया गया. प्लास्टिक के झोले में हिरन का मांस लगभग 5 किलो था व उसी प्लास्टिक झोले के अंदर मारकीन कपड़े में खून से लिपटा 1 कुल्हाड़ी मिला. बरामदगी स्थल पर अभियुकों द्वारा 1 जिन्दा कारतूस व पॉलीथिन पैकेट में रखे छुरे बरामद किया गया.पकड़े गए आरोपियों में देवेश सिंह उर्फ दीपू सिंह पिता लालजी सिंह, चिखुरी पिता बृद्धि ग्राम-मिश्रोलिया थाना-चौक, महराजगंज, संजय सिंह पिता रामशंकर सिंह ग्राम-लार थाना-मइल, देवरिया वर्तमान पता दिग्विजय नाथ इंटर कॉलेज चौक बाजार, सोनू सिंह पिता चंद्रदेव सिंह ग्राम-जड़ार थाना-पनियरा,महराजगंज, मोहम्मद आमिर पिता मोहम्मद आबिदीन खान ग्राम-कटहरी थाना- कोठीभार, महराजगंज , मेराज पिता खुरशेद निवासी व थाना-पनियरा, महराजगंज, नईम पिता अनरूल निवासी बेलवा खुर्द थाना-सेंदुरियां, महराजगंज और दानिस पिता यासीन निवासी-इलाहीबाग थाना-तिवारीपुर, गोरखपुर के हैं.अभियुक्तों का वाहन जीप UP56G0027 व मोटरसायकिल हीरो पैसन प्रो UP78DB3578 हीरो HF डिलक्स UP56N3039 बजाज प्लेटिना UP56K8140 सहित अभियुक्तों को मय दक्षिड़ी चौक रेंज लाया गया. पकड़ने वाले वन कर्मी राकेश चन्द यादव सहायक वन संरक्षक, वन सुरक्षा प्रभारी कासिम अली वद राजेश यादव नित्यानंद वद प्रेम चन्द सिंह वद, निज़ाम बिट प्रभारी उत्तरी चौक रेंज प्रभारी मोहन सिंह और रवि कुमार गंगवार दक्षिड़ी चौक रेंज अधिकारी कन्हैया चौधरी वद उपस्थित रहे.
लेकिन सबसे बड़ी सोचने की बात है ये की एक वन्य विभाग के सेंचुरी रेंज में एक गाड़ी नहीं जा सकती है लेकिन वहां सूत्रों के अनुसार जानकारी के मुताबिक वहां हमेसा जीप से आना जाना होता रहता था लोगो का लेकिन वन्य विभाग अपनी चुप्पी सिर्फ पैसे और नोटो की गड्डी के सामने बेजुबान जानवरों का शिकार करने के लिए रात में गाडी वहां कैसे चली जाती।
आरोपियों की मेडिकल करा कर पुलिस ले रही है जेल।

नियम क्या है और सजा क्या है?
भारत सरकार ने वर्ष 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम पारित किया था. इसका मकसद वन्यजीवों के अवैध शिकार, मांस और खाल के व्यापार पर रोक लगाना था. इसे वर्ष 2003 में संशोधित किया गया. तब इसका नाम भारतीय वन्य जीव संरक्षण (संशोधित) अधिनियम 2002 रखा गया. इसके तहत दंड और जुर्माना को कहीं कठोर कर दिया गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!