सेना के कैप्टन सूबेदार बीरबल सिंह का हुआ निधन, गुदावली में राजकीय सम्मान के साथ की गई अंत्येष्टि

सेना के कैप्टन सूबेदार बीरबल सिंह का हुआ निधन, गुदावली में राजकीय सम्मान के साथ की गई अंत्येष्टि

1965 व 1971 की लड़ाई में भाग लेकर दुश्मनों के खट्टे कर चुके हैं दांत

नदबई। क्षेत्र के गांव गुदावली में शनिवार को सेंना के सेवानिवृत्त कैप्टन सूबेदार बीरबल सिंह का निधन हो गया। सेना के ऑफिसरों ने गांव गुदावली पहुचकर कैप्टन सूबेदार बीरबल सिंह को पुष्प चक्र भेंट कर श्रद्धांजली अर्पित की। साथ ही सेना के जबानों द्वारा उनको सलामी दी गई। गांव के ही निवासी मुकेश फौजदार ने बताया कि बुजुर्गों से सुना है कि रुस में जाकर के भी उन्होंने ट्रेंनिंग ली थी। और युद्ध क्षेत्र में आगे रहकर 1965 और 1971 की लड़ाई में लड़ते हुए उन्होंने पाकिस्तानियों और चीनियों के छक्के छुड़ा दिये थे। सेना में रहते हुऎ उन्होंने वीरता के कई मेडल हसिल किए ।कैप्टन सूबेदार बीरबल सिंह के दो बेटे व एक पुत्री है बड़ा बेटा भीम सिंह सेना में है।गांव वालों और क्षेत्रवासियों को कैप्टन बीरबल सिंह की सेना में दी गई सेवा पर गर्व है, वह ग्रामीण युवाओं को भी सेना में जाने की बात कहा करते थे। वह गांव के युवाओं को कहते थे कि देश की सेवा में जाने का अवसर अगर किसी नौजवान को मिले, तो उसको अपने आप को भाग्यशाली मानकर देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती होना चाहिए।सैकड़ों ग्रामीणों ने अपने सेना के लाड़ले को भावभीनी श्रद्धांजली दी। सेना की जबानों की सलामी के साथ ही अश्रुपूरित नेत्रों से गर्व सहित गांव वालों ने भी उन्हें श्रद्धांजली दी।।

👆भरतपुर नदबई से हेमंत दुबे 👆

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