जल जंगल जमीन की रक्षा और विस्थापितों का संवैधानिक अधिकार को लेकर एक दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार संकल्प के साथ संपन्न हुआ।

 बालूमाथ :  एसटीसी सभागार पुरलिया रोड रांची में आयोजित एक उच्चस्तरीय सेमिनार में राज्य के अलग-अलग जिलों से विभिन्न परियोजना के लगभग 18 से 20 विस्थापितों संगठनों ने भाग लिया एवं अपने अपने क्षेत्रों के विस्थापन पीड़ा दुख दर्द एवं कंपनियों द्वारा शोषण अत्याचार संसाधनों का दोहन झूठा मुकदमा जैसे कई ज्वलंत मुद्दों को सेमिनार में सदन के बीच रखते हुए उसके निदान पर दिनभर गहन विचार विमर्श चला। वही रैयत विस्थापित मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद इकबाल ने आजाद सिपाही संवाददाता को बताया कि इस सेमिनार में सीसीएल,बीसीसीएल, पीसीएल, डीवीसी,एनटीपीसी, डीएसएल एचईसी,एसको,टेलको जिंदल पावर, अड़नी पावर लिमिटेड, सिंचाई परियोजना ,नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज, कोयलकारो परियोजना समेत कई परियोजनाओं के विस्थापित संगठन शामिल थे ।सेमिनार को पूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता, रैयत विस्थापित मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष फागु बेसरा,केंद्रीय उपाध्यक्ष इकबाल हुसैन, विस्थापन जन आयोग के डॉक्टर वासवी किड़ो, जमाईक के मोहम्मद इलियास,राजद के मुफ्ती अब्दुल्लाह कासमी, सीपीआई के मिथिलेश दांगी, ऐआईटीयूसी के लखन लाल महतो,पुष्कर महतो,सीपीआईएमएल के जगन्नाथ महतो, मासस के राजेंद्र गोप,महेंद्र भोगता सहित दर्जनों विस्थापित प्रतिनिधियों ने अपने अपने विचार रखते हुए संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। सेमिनार में उपस्थित जन संगठनों के सभी दल  एवं अन्य एवं राज्य के सभी जिलों से विस्थापन के खिलाफ लड़ रहे संगठनों से निम्नलिखित 26 मांग व मुद्दे पर संकल्प दिलाते हुए आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया गया। मांगों में मुख्य रूप से विस्थापन आयोग गठन करने,भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू करने, अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा 50 लाख प्रति एकड़ के देने, विस्थापित परिवार को नौकरी एवं पुनर्वास देने, 25 डिसमिल भूखंड देने एवं पक्का निर्माण के लिए 25 लाख मुआवजा देने आईटीआई डिप्लोमा संस्थान खोलकर विस्थापित परिवार के बच्चों को प्रशिक्षण देकर कंपनी में सीधा बहाल करने, एचईसी बोकारो स्टील सिटी में अतिरिक्त बची जमीन को मूल रैयत को वापस करने, नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज एवं कॉलकेरो परियोजना को रद्द करने सहित 26 सूत्री मांगों को निदान हेतु केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के समक्ष रखी गई। सैमिनार के अंत में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि 7 नवंबर को झारखंड के महामहिम राज्यपाल महोदय को विस्थापन संबंधी मांगों का ज्ञापन सौंपा जाए।साथ ही साथ झारखंड के सभी राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों एवं विस्थापित संगठनों से अपील की गई कि विस्थापन के मुद्दे पर एकजुट होकर एक मंच पर आकर आंदोलन को तेज करने की अपील जारी की गई। इस सेमिनार में बड़कागांव, केरेडारी, एनटीपीसी,आम्रपाली,मगध , पिपरवार, इनके एरिया से कई विस्थापन संगठन के लोग शामिल थे।जिसमें मुख्य रुप से तुलसी गंझु,मोहम्मद अफजल, मोहम्मद इरफान,महेंद्र गंझु, रामचंद्र उरांव,कृष्णा यादव,शिव प्रसाद चौहान,बिगन सिंह भोक्ता, जालिम सिंह,लखन भोक्ता,राम लखन गंझु,दर्शन गंझु,दामोदर तुरी,सुनील मुंडा,अमर गुप्ता मोहम्मद बशीर,शंकर भुईया, अब्दुल अजीज,मोहम्मद अंजार अधिवक्ता अनिरूत कुमार सहित सैकड़ो की संख्या में लोग शामिल थे।

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