श्रीकाशी विश्‍वनाथ कारीडोर का 13 दिसंबर को पीएम करेंगे लोकार्पण

श्रीकाशी विश्‍वनाथ कारीडोर का 13 दिसंबर को पीएम करेंगे लोकार्पण
ऊंचे दरवाजे काशी विश्‍वनाथ दरबार की भव्‍यता का शिनाख्‍त करते नजर आते हैं। पूरी परियोजना में 400 करोड़ रुपये से जहां निर्माण किया गया है वहीं इतने के ही जमीन की भी खरीद की गई है जबकि जबकि 14 करोड़ रुपये अन्‍य मद में खर्च किए गए हैं।
वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। द्वादश ज्‍योतिर्लिंग में से एक श्री काशी विश्‍वनाथ कारीडोर की संकल्‍पना के बाद अब परियोजना आगामी 13 दिसंबर 2021 को बनारस के सांसद और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जनता को लो‍कार्पित करने जा रहे हैं। पीएम नरेन्‍द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्‍ट माना जा रहा कारीडोर परियोजना लोकार्पण के बाद देश के शीर्ष धार्मिक स्‍थलों में शुमार हो जाएगा जो काफी दिव्‍य और भव्‍य भी हैं। इस मेगा परियोजना का लोकार्पण होते ही संकरी गलियों के शहर बनारस में बाबा दरबार सबसे भव्‍य और पर्याप्‍त स्‍पेस के साथ आस्‍थावानों के लिए सुगम दर्शन भी मिलने लगेगा। अब तक लगभग 90 फीसद काम पूरा हो चुका है और बाबा दरबार में फ‍िनिशिंग का काम ही मात्र शेष है। इंफो और तस्‍वीरों में देखें और जानें श्री काशी विश्‍वनाथ कारीडोर की संकल्‍पना जो अब सपना ही नहीं बलिक धरातल पर आकार भी पा चुकी है-
बाबा दरबार में कारीछोर पर पूर्वी द्वार मुख्‍य परिसर और मंदिर चौक के बीच है जहां एक मुख्‍य ऊंचा दरवाजा काशी विश्‍वनाथ दरबार की भव्‍यता का शिनाख्‍त करता नजर आता है। पूरी परियोजना में 400 करोड़ रुपये से जहां निर्माण किया गया है वहीं इतने के ही जमीन की भी खरीद की गई है, जबकि जबकि 14 करोड़ रुपये अन्‍य मद में खर्च किए गए हैं।
श्री काशी विश्‍वनाथ धाम कारीडोर 527730 वर्ग फीट में तैयार कारीडोर की खासियत संकरी गलियों में घिरे बाबा दरबार में पर्याप्‍त स्‍पेस देना था। भीतर का वह नजारा जहां बाबा दरबार में पश्चिमी द्वार से मुख्‍य परिसर में आस्‍थावान कतारबद्ध होकर दाखिल हो रहे हैं और सुगम दर्शन कर पा रहे हैं।
बाबा दरबार में मंदिर चौक वह क्षेत्र है जहां प्राचीन चौक की संकल्‍पना आकार पा चुकी है। यह क्षेत्र इंपोरियम, गैलरी और म्‍यूजियम से समृद्ध होगा और बाबा दरबार क्षेत्र का यह वर्तमान हिस्‍सा बाबा दरबार का अतीत और कारोबारी गतिविधियों का प्रमुख स्‍थल होगा। बाबा दरबार का उत्‍तरी द्वार भी पूर्वी और पश्चिमी की ही भांति भव्‍य रूप पा चुका है। यहां तराशे गए पत्‍थर लग चुके हैं और बाबा दरबार में कंगूरों और बेलबूटों से तराशे गए पत्‍थर बाबा दरबार को प्राचीन वैभव देते प्रतीत होते हैं।
अन्‍य द्वारों की ही तरह दक्षिणी द्वार भी भव्‍यता के साथ बाबा दरबार को अनोखा स्‍वरूप प्रदान करता नजर आता है। यहां पर भी तराशे गए पत्‍थर बाबा दरबार की भव्‍यता में चार चांद लगाते नजर आते हैं।
बाबा दरबार का गर्भगृह कारीडोर परिसर के मध्‍य में स्‍वर्ण मं‍डित शिखरों के साथ नजर आता है। बाबा दरबार के इस हिस्‍से में भी कार्य लगातार जारी है। पत्‍थरों का संरक्षण और मुख्‍य गर्भगृह को पहुंची क्षति की भरपाई के साथ ही रंगरोगन और साफ सफाई के अलावा परिरक्षण का काम जारी है।
श्री काशी विश्‍वनाथ धाम कारीडोर बाबा दरबार में भारी वाहन और बुलडोजर के साथ जेसीबी तक जाने के लिए पर्याप्‍त स्‍पेस है। ऐसे में बाबा दरबार के भीतर का पर्याप्‍त स्‍पेस भविष्‍य में भी भव्‍य शोभायात्राओं के लिए अधिक श्रद्धालु‍ओं के लिए सुविधाजनक साबित होने जा रहा है।
श्री काशी विश्‍वनाथ धाम कारीडोर बाबा का धाम अब सीधे मां गंगा की गोद में जाकर खुलता है। यहां से आस्‍थावान सीधे बाबा का दर्शन करने के बाद मां गंगा का आचमन भी कर सकेंगे। बाबा दरबार सीधा गंगा की धारा से जुड़ गया है। हालांकि, पानी अधिक होने से काम कुछ प्रभावित है मगर घाट पर भी निर्माण प्रस्‍तावित है।
श्री काशी विश्‍वनाथ धाम कारीडोर बाबा विश्‍वनाथ के आंगन में इतना स्‍थान है कि हजारों श्रद्धालु सीधे आंगन में कतारबद्ध होकर बाबा के गर्भगृह में प्रवेश के लिए अपनी बारी का इंतजार कर सकते हैं। ऐसे में बाबा दरबार की भव्‍यता को परिसर के ऊंचे स्‍थल से निहारेंगे तो हर ओर पर्याप्‍त स्‍पेस बाबा दरबार के आधुनिक कलेवर की व्‍याख्‍या करता नजर आएगा।
आलोक कुमार सिंह
ब्यूरो चीफ, वाराणसी
R9 भारत नेशनल न्यूज
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