मजहब नहीं सिखाता आपस में हमे बैर रखना। यह संदेश सार्थक साबित हुआ लावालौंग के कोची गांव में

 प्रखण्ड में सभी की जुबां से सुनने को मिल रहा है। बीते दिन कोची गांव में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मस्जिद के संगे बुनियाद के मौके पर एक भव्य जलसे का आयोजन किया गया। इस जलसे समारोह में मुस्लिम समाज ही नहीं बल्कि हिन्दू समुदाय के लोगों ने इस आयोजन में बड़ चढ़ कर हिस्सा लिया। जब मस्जिद बुनियाद के लिए मुस्लिम समाज के लोगों ने चंदा  ईकट्ठा करने लगे तो वहा पर उपस्थित हिन्दू भाईयों ने भी चंदा देने की लालशा देखी गई, इस में बच्चे, बुजुर्ग तथा महिलाएं/ पुरुष सभी लोगों ने समारोह में अपनी अहम भूमिका  निभाई। इस जलसे में आए हुए अतिथियों ने सभी की जुबां पर तारीफ सुनी गई, तथा लोगों ने गंगा/यमुना तहज़ीब की बाते की।    इस तरह का काम से लोगों को एक पैगाम तथा संदेश के रूप में दिया जाना चाहिए। कियोकि जो लोग धर्म/जाती के नाम पर एक दूसरे को गलत निगाहों से देखते हैं, आपस में लड़ते/झगते हैं, उन सभी भाइयों को इस गांव से सीख लेनी चाहिए। इस अवसर पर समाजसेवि सह भावी जिला परिषद प्रत्यासी छट्ठू सिंह भोगता, मुखिया प्रत्यासी छट्ठू पाहन, कैलाश भारती, रूपेश केशरी, मनोज साव, उम्प्रकाश साव इत्यादि दर्जनों गणमान्य लोगों ने सभी को दिल छू लेने वाली बात कहीं की मजहब नहीं सिखाता आपस में हमे बैर रखना, भव्य जलसे समारोह में मुख्य रूप से मुफ्ती नजरे तौहीद चतरा, मुफ्ती सलमान राँची, मुफ्ती सोएब, मुफ्ती सनाऊलाह, कारी अमानुल्लाह सिमरिया, मुफ्ती रिजवान दानिश चंदवा के साथ साथ गांव के बड़े बुर्जुग, नौजवान ने अपनी अहम योगदान दिया। जलसे के बाद आखिर में दुआएं मांगी गई। तथा हमारे देश में कोरिना जैसी महामारी से निजात मिल सके इसके लिए उलेमाओं ने  खुदा से दुआएं की।

                                          

मो० साजिद

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