पहाड़ियों की गोद में खो गई कुशहाँ पतहरिया

 ढ़वा=  गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत लमारी कला पंचायत मे कुशहाँ पतहरिया नाम की एक गांव जंगलों और पहाड़ियों की गोद मे बसी है ! ग्राम पतहरिया मे पिछले कई वर्षों से रोड की स्थिति बदहाल स्थिति मे बनकर पड़ी हुई है ! अर्थात ना ही इस गांव में जल नल योजना के तहत  किसी प्रकार की स्वच्छ जल तथा वाटर टॉवर का निर्माण किया गया है ! अथवा ना हि यहां के निवासियों तथा ,राह चलते राहगीरों ,पशु पक्षियों को प्यास बुझाने के लिए स्वच्छ जल की  व्यवस्था की  गयी है ! कई जगहों पर सरकारी चंपाकल तो है परन्तु वह भी हैण्डबोर है! जो की गर्मियों की मौसम मे पानी का लेयर सुख जाता  है अथवा ना ही चलने के लिए रोड है ! इस रोड में काफी आवागमन  देखने को मिलता  है इस रोड मे दो चक्का से लेकर चार चक्का वाहन भी भी गुजरती है ! पर बरसात मे इस रोड से दो चक्का, चार चक्का वाहने तो दूर इस् गांव के ग्रामीणों तथा राह चलते राहगीरों को पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है राजनीतिक दल के कई बड़े ,बड़े नेता व कई  पदाधिकारी तो आते हैं परन्तु उन लोग बड़ी, बड़ी महंगी लग्जरी गाड़ियों से आते हैं ! पर शायद उन्हे लग्जरी गाड़ियों मे इस गांव के

 रोड की गड्ढों का पता नहीं चलता होगा या फिर यहाँ की परिस्थिति देख् कर जान् कर अनजान बन जाते हैं ! नहर पर कई वर्षों के बाद  पीसीसी रोड तो बनी ! किन्तु वह भी इतनी जर्जर हो चुकी है की ग्रामीणों तथा आम जनों को दो चक्का वाहन तो छोड़िये साइकिल से भी चलना मुश्किल है! नहर की रोड जो बनी है वह भी बने हुए मात्र 4 से 5 वर्ष हुए हैं पर इस पिसीसी रोड कि भी स्थिति इतनी जल्दी जर्जर हो गयी की ना कभी इस रोड की आजतक मरम्मत हुई और ना हि किसी प्रकार की जाँच की गयी ! तथा इस गांव में कई जगहों पर रोड की स्थिति इसी प्रकार से बनी हुई है!  पतहरिया कांडी प्रखंड व लामारी पंचायत का सबसे पिछड़ा इलाका मे आता है बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र मे चाहे किसी भी पार्टी के कितनी भी बड़े दिग्गज नेता हो या फिर विधायक पर इस गांव मे रहने वाले गांव वासियों को कोई फर्क नहीं पड़ता ! इस गांव के ग्रामीणों को सिर्फ वोट देना है और राजनीतिक दल के नेताओं को वोट लेने से मतलब है इसके बाद इस गांव की परिस्थिति क्या है किसी भी पार्टी के नेताओं को क्या मतलब है ! इस गावं की स्थिति आप भी देखकर हैरान हो जाएंगे ! जिसमे इस गांव के ग्रामीण किसी तरह हर मुस्किलों को झेलकर मजबूर होकर रहने को विवश हैँ ! पतहरिया ग्राम वासियों मे काफी उदाससिन्ता बनी रहती है पता नहीं और कई वर्षों तक तथा कबतक यहाँ के ग्रामीणों को इतनी  कठिनाइयां व मुश्किलों को झेलनी पड़ेगी

                                                                      

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