रेल रोको आंदोलन को संबोधित करते हुए संगठन प्रमुख इरफान जाफरी ने कहा कि सत्ता में बैठी सरकार अहंकारी सरकार है जो सिर्फ तानाशाही करने पर उतारू है इसी का जीता – जागता उदाहरण लखीमपुर खीरी उत्तरप्रदेश में केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा किसानों का नरसंहार किया गया इसके बाद भी केंद्रीय मंत्री के बेटे पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्र में बैठी हुई सरकार किसानों के साथ,गरीबों के साथ किस तरह तानाशाही करने पर उतारू है, और केंद्र में बैठी सरकार की तानाशाही का एक और उदाहरण 11 महीने से लगातार चल रहा किसान आंदोलन है किसान देश का अन्नदाता है सरकार को उनकी उनकी तकलीफ भी नहीं दिखाई दे रही है, आगे जाफरी ने कहा कि जब तक यह तीनों काले कृषि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे जब तब यह किसान आंदोलन चलता रहेगा, तीनों कृषि काले कानून किसान हित व देश हित में नहीं है हम इन्हें वापस करा कर ही दम लेंगे।
रेल रोको आंदोलन को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के बादल सरोज ने कहा कि तीनों कृषि काले कानून किसानों के हित में नहीं है। इन तीनों काले कृषि कानूनों से देश की अर्धव्यावस्था नष्ट हो जाएगी जिससे हमें हमारे देश में भुखमरी,बेरोजगारी, अपने चरम पर पहुंच जाएगी जिससे हमें गुलामी करनी पड़ेगी।
रेल रोको आंदोलन को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा विदिशा के आनंद प्रताप सिंह ने तीनों काले कानून समझाते हुए कहा कि अगर यह तीनों काले कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो किसान को अपनी ही जमीन पर मजदूर एवं गुलाम बनना पड़ेगा, आगे आनंद प्रताप सिंह ने कहा कि कर्मचारी, हम्माल एवं हाथ ठेले वाले, फुटपाथ के दुकानदार बेरोजगार हो जाएंगे, आम जनता को खाने पीने पर मंहगाई का पांच से दस गुना अधिक भार बढ़ जाएगा। अंत में आनंद प्रताप सिंह ने कहा कि हम तीनो काले कृषि कानून वापस कराकर ही रहेंगे।
रेल रोको आंदोलन में संगठन प्रमुख इरफान जाफरी, प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद (रज्जू भैया) जिलाध्यक्ष रंजीत यादव, महासचिव रामस्वरूप राठौर, तहसील अध्यक्ष ब्रजेश बघेल, कोषाध्यक्ष नारायण सिंह राजपूत, इशाक अली खान, जमुना प्रसाद लोधी, दीवान सिंह, सुरेश मीणा, धन सिंह राजपूत, नारायण सिंह मीणा, कोमल विश्वकर्मा, शोभा राम यादव, रईस खान, हसन खान, सिंह, नवल सिंह, घनश्याम सिंह, खुमान सिंह, थान सिंह, मेहबूब खान, दशरथ सिंह बघेल, मदन लाल यादव, रामबाबू यादव, जहीर खान,
रेल रोको आंदोलन को सम्बोधित करने वाले प्रमुख
संगठन प्रमुख इरफान जाफरी, प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद (रज्जू भैया), संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य बादल सरोज, आनंद प्रताप सिंह, मोहर सिंह रघुवंशी, तुलसीराम जी, पी. एल वर्मा, जिलाध्यक्ष रंजीत यादव, कोषाध्यक्ष नारायण सिंह राजपूत, तहसील अध्यक्ष ब्रजेश बघेल, महासचिव रामवरुप राठौर, बब्लू पठान, रईस खान, जाहिद खान, जरीफ खान, जहीर भाई, सुरेश मीना, जाहिद खान शाहपुर, बशीरुद्दीन खान, ओमकार यादव, नारायण सिंह मीणा, नवल सिंह मीणा, छतर सिंह मीणा, रंजीत मीणा, मुकेश मीणा, पप्पू (निरपत सिंह), मुकेश मीणा, निहाल सिंह, अमर सिंह, गोलू राजपूत, राकेश राजपूत, सचिन साहू, मेहबूब खान, युनूस खान, सहित सैकड़ों किसान मौजूद थे।