थाना प्रभारी शरद चंद्रा ने थाने में विधि विधान के साथ सस्त्र पूजा

 R9 भारत निखिल वाधवा संवादता तिल्दा नेवरा

तिल्दा नेवरा*बुराई पर अच्छाई की जीत, असत्य अधर्म पर सत्य एवं धर्म की जीत की प्रेरणा हमें विजयदशमी दशहरे पर्व पर प्राप्त होता है उक्त कथन  थाना प्रभारी शरद चंद्रा  ने थाने में विधि विधान के साथ सस्त्र पूजा के बाद कही। उन्होंने आगे कहा कि थाने में शस्त्र पूजा की परंपरा वर्षो पुरानी है दशहरा पर्व पर शस्त्रों की पूजा की जाती है एवं मां दुर्गा शक्ति की पूजा की जाती है उन्होंने अपने संदेश में आगे कहा कि मां दुर्गा हमें दुष्टों का संहार करने एवं अच्छे लोगों की रक्षा करने की शक्ति प्रदान करें थाना प्रभारी शरद चंद्रा  ने आगे कहा कि तिल्दा नेवरा  

के नागरिक हमें हमेशा सहयोग प्रदान करते हैं यही कारण है कि हम शांति व्यवस्था बनाने में कामयाब हो पाते हैं वहीं उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे द्वारा यह हमेशा प्रयास किया जाता है हम अपनी ड्यूटी इमानदारी पूर्वक निभा सकें इसके लिए हमें कभी-कभी शख्त भी होना पड़ता है उन्होंने दशहरा पर्व पर समस्त तिल्दा नेवरा एवं अंचल वासियों को बधाई देते हुए कहा कि दशहरे का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाएं उन्होंने यह भी कहा कि आज शहर एवं ग्रामीण अंचल में नवरात्रि पर्व में विराजी मां दुर्गा की प्रतिमा का विधि विधान के साथ विसर्जन कार्यक्रम संपन्न हो रहा है ज्ञात हो कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी थाना प्रभारी शरद चंद्रा  उप निरीक्षक विक्रांत दीवान शंकर लाल वर्मा  एवं थाने के समस्त स्टॉप के लोगों की उपस्थिति में सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा अर्चना इसके पश्चात शस्त्रों की पूजा विधि विधान से पंडित के द्वारा कराया गया उप निरीक्षक विक्रांत दीवान ने बताया कि दशहरा हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के असुर का वध कर देवताओं को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी..इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर माता सीता को उसकी कैद से मुक्त कराया था. इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है. प्राचीन समय…से इस दिन सनातन धर्म में शस्त्र पूजन की परंपरा चली आ रही है. इस दिन लोग शस्त्र पूजन के साथ ही वाहन पूजन भी करतें हैं. वहीं आज के दिन से किसी भी नए कार्य की शुरुआत करना भी शुभ माना जाता है.  शंकर लाल वर्मा ने बताया कि दशहरा किस भी कार्य के लिए शुभ है. प्राचीन समय में क्षत्रिय दशहरे का इंतजार युद्ध पर जाने के लिए किया करते थे. मान्यता थी कि इस दिन जिस तरह…जिस तरह भगवान श्रीराम ने असत्य को परास्त कर विजय हासिल की थी और मां दुर्गा ने महिषासुर नाम की बुराई का अंत किया था,  यह भी कहा जाता है कि शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए इस दिन शस्त्र पूजा करनी चाहिए.  तभी से ये परंपरा शुरू हुई. वहीं इस दिन को ब्राह्मण विद्या ग्रहण करने के लिए भी चुनते थे.

                                              

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