जनपद पंचायत ,पीआईयू, पीडब्लूडी, पीएचई, शिक्षा विभाग हुआ शिकायतों से बेखबर

जनपद पंचायत ,पीआईयू, पीडब्लूडी, पीएचई, शिक्षा विभाग हुआ शिकायतों से बेखबर

R9 भारत के साथ रामेशवर लक्षणे की रिपोट बैतूल से

मप्र सरकार द्वारा शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन सुविधा का प्रारंभ में अच्छा खासा असर हुआ और शिकायतकर्ताओ को इस सुविधा का पूरा लाभ मिला, लेकिन अधिकारियों ने इसकी भी धज्जियां उड़ानी शुरू कर दी और फर्जी तरीके से सीएम हेल्पलाइन निराकरण कर सभी शिकायतों का खात्मा किया जाने का प्रयास करने लगे, क्योंकि इसमें अधिकारियों की सही जानकारी देने से उनके कार्यों की पोलखुलने का डर बना रहता है, इसलिए सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतकर्ता की शिकायत खत्म करने हेतु या तो झूठा जवाब पेश करते है या महीनों शिकायत पर ध्यान नही दिया जाता जिसके चलते सीएम हेल्पलाइन से पर शिकायतकर्ताओ का भरोषा उठता जा रहा। अभी देखने में आ रहा है कि कार्यालयों में कई शिकायतें पेंडिंग पड़ी हुई है और उनका किसी तरह का निराकरण नहीं हो पा रहा है। उसके

सीएम हेल्पलाइन से आम जनता का उठ रहा भरोसा

भी सम्बंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर निराकरण के मामलों में वाहवाही बटोरने का काम किया जा रहा है।
विभागीय जानकारों की मानें तो जानकारो कि माने तो बताया कि जिले में
इसकी समीक्षा होने के बाद पेंडिंग शिकायतों के लिए कई अधिकारियों को नोटिस दिये जाते हैं। लेकिन इसकी जिम्मेदारी तय नहीं होने से इसका असर किसी अधिकारी पर नहीं हो रहा है और किसी अधिकारी पर निलंबन की कार्रवाई नहीं होती है इसलिए सीएम हेल्पलाइन को हल्के में ले रहे हैं। जनता के हित में योजनाओं पर केन्द्र व राज्य सरकार को विचार करना चाहिए कि जनता के हित में बनाई गई योजनाएं सफल हो और जनता को इसका लाभ मिले इसके लिए प्रयास किये जायें। साथ ही ऐसे लापरवाही पूर्ण कार्य करने वाले अधिकारियों पर नियमानुसार कार्यवाही होनी चाहिए। या तो प्रदेश सरकार ने इस योजना को बन्द कर देना चाहिए जिससे कि आम जनता का प्रदेश सरकार पर भरोसा बना रहे।

शिकायतों पर बेखबर है विभागीय अधिकारी

जिले में कई जनपद पंचायतों , पीएचई, पीडब्ल्यूडी, पीआईयू, शिक्षा विभाग सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों से शायद बेखबर है या जानबूझकर गम्भीरता से न लेते हवे सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों पर शिकायतकर्ताओं का इस योजना से विश्वास तोड़ते नजर आ रहे है क्योंकि शिकायतों का निराकरण कर समय सिमा में जवाब तलब करने के बजाय शिकायतों को लम्बित रखने का काम करते नजर आ रहे है। जिससे कि प्रदेश की आम जनता का सीएम हेल्पलाइन से मानो भरोषा उठता जा रहा है।

शिकायतकर्ताओं ने लम्बित शिकायतों का निराकरण नहीं होने पर उठाए सवाल

शिकायतकर्ता ने बताया कि इन विभागों में बहुत कम शिकायत दर्ज होती है जिसका लाभ उठाते हुवे उक्त विभागों द्वारा शिकायतों पर ध्यान देकर उनका निराकरण करना उचित समझा जाता जिससे प्रदेश में शिवराज सरकार की योजनाओं पर प्रश्न चिन्ह लगते नजर आ रहे है विभागों के विभागीय पोर्टल पर महीनों लम्बित शिकायत पेंडिंग होने की जानकारी शिकायतकर्ताओं द्वारा सामने आ रही है। जबकि एक शिकायतकर्ता ने तो यहां तक बताया कि जब जिले में सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों पर बैढ़के होती है तो बैठकों में जिला अधिकारी द्वारा नगर पालिका, पंचायत विभाग की लम्बित शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुवे बड़ी नाराजगी जताते नजर आते है। तो इन विभागों पर अपनी नाराजगी जताते क्यो नजर नहीं आते। सवाल यह है कि क्या सीएम हेल्पलाइन केवल नगर पालिका विभाग, पंचायत विभाग की समस्याओं के निराकरणों के लिए बनाई गई है बाकी विभागों को क्या खुली छूट दे रखी है कि जितना चाहे हेल्पलाइन की शिकायतों को विभाग में लम्बित रख मजाक बनाओ क्यो । आखिर जिला अधिकारी उक्त विभागों की लम्बित शिकायतों पर अपना ध्यान आकर्षित कब करेंगे।

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