देशव्यापी किसान आन्दोलन को साथ दें 14नवम्बर को राजभवन रांची के समक्ष “मोदी हटाओ, देश बचाओ” जन आन्दोलन को सफल बनाने हेतु कामरेड डॉ बीएन सिंह आवास पर विचार विमर्श

 अखिल भारतीय किसान महासभा के साथ जुड़ें देशव्यापी किसान आन्दोलन को साथ दें,  अखिल भारतीय किसान महासभा के साथ जुड़ें.

झारखण्ड के किसान भाइयों-बहनों,

देशव्यापी किसान आन्दोलन ने मोदी सरकार की चूलें हिला दी है. बावजूद अडानी-अंबानी के हित में काम  करनेवाली मोदी सरकार साम,दाम,दंड,भेद की नीति पर चलते हुए आन्दोलन के खिलाफ साजिशों पर साजिश रच रही है. महगांई-बेरोजगारी से त्रस्त देस व झारखण्ड की जनता तवाह हो गयी है. और ऊपर से मोदी सरकार झारखण्ड की खेती और जमीन को भी औने पौने दाम पर अपने अमीर मित्रों के हवाले करने पर आमादा है. किसी सरकार को इस बात की चिंता नहीं है कि झारखण्ड के खेतों को सिंचित बनायें, खेती में लागत कम करें, किसानो की उपज का लाभकारी दाम दें, गैर मजरुआ-सरकारी जमीने- वन भूमि पर गरीबों को अधिकार दें, विस्थापितों का पुनर्वास की गारंटी करें और भूमि पर कार्पोरेट कब्ज़ा पर रोक लगायें.

पुरे देस के किसान अपने अस्तित्व को बचाने और तीनो काले कृषि कानूनों को रद्द करने व एमएसपी का कानून बनाने के लिए सरकार से दो दो हाथ कर रहे हैं. झारखण्ड में भी इस आन्दोलन को हमें मजबूत करना है. अखिल भारतीय किसान महासभा किसानो के हित में लगातार आवाज बुलंद की है. संकट की इस घडी में और बड़ी एकता और आन्दोलन विकसित करने की जरुरत है. इस प्रक्रिया में हमने  पुरे राज्य में 26अक्टूबर से 26नवम्बर तक देशव्यापी किसान आन्दोलन का साथ देने और किसान महासभा से जुड़ने का मुहिम संचालित किया है. इसी के तहत 14नवम्बर को राजभवन रांची के समक्ष “मोदी हटाओ, देश बचाओ” जन कन्वेंसन का आयोजन किया है.

आइये, इस मुहिम के साथ आप सभी किसान एक साथ आयें, हमारे कार्यक्रमों में भागीदारी निभाएं

झारखण्ड के खेतों को सिंचित बनायें, खेती में लागत कम करें, किसानो की उपज का लाभकारी दाम दें, गैर मजरुआ-सरकारी जमीने- वन भूमि पर गरीबों को अधिकार दें, विस्थापितों का पुनर्वास की गारंटी करें और भूमि पर कार्पोरेट कब्ज़ा पर रोक लगायें.

पुरे देस के किसान अपने अस्तित्व को बचाने और तीनो काले कृषि कानूनों को रद्द करने व एमएसपी का कानून बनाने के लिए सरकार से दो दो हाथ कर रहे हैं. झारखण्ड में भी इस आन्दोलन को हमें मजबूत करना है. अखिल भारतीय किसान महासभा किसानो के हित में लगातार आवाज बुलंद की है. संकट की इस घडी में और बड़ी एकता और आन्दोलन विकसित करने की जरुरत है. इस प्रक्रिया में हमने  पुरे राज्य में 26अक्टूबर से 26नवम्ब हमारी मांग है-

1. तीनों काले कृषि कानून को रद्द करो, एमएसपी का कानून बनाओ.

2. जमीन-जंगल की कार्पोरेट लूट पर रोक लगाओ.

3. वन भूमि और सरकारी जमीन गरीबों में वितरित करो तथा गैर मजरुआ जमीन पर किसानो को पट्टा और अधिकार दो.

4. किसानों को मुफ्त बिजली और लागत सामग्रियों में पर्याप्त सब्सिडी मुहैय्या करो.

5. हर प्रखंड में मंडी,हर क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज और सब्जी उत्पादकों को लाभकारी मूल्य की व्यवस्था की जाये.

7. हर खेत को पानी के लिए क्षेत्र की स्थिति अनुकूल सामग्रिक सिंचाई परियोजना बनाओ.

7. डीजल-पेट्रोल-एलपीजी और सरसों तेल का दाम बढाकर लूट बंद करो, दामो पर नियंत्रण करो. 

8. जमीन का रजिस्टर-२ में ऑनलाइन पंजियन करने और रसीद काटने का पंचायत स्तर पर कैम्प लगाओ.

9. किसानो का पैक्स में वकाया राशि का सूद के साथ भुगतान करो. पैक्स में पंजियन की अनिवार्यता ख़त्म कर इस वर्ष धान खरीद में किसानो को प्रति क्विंटल 3000 रु मुहैय्या करो.

मौके पर उपस्थित- 

कामरेड बीन सिंह ( पांकी विधानसभा पुर्व उमीदवार माले)

राजकुमार यादव किसान नेता पांकी प्रखंड, नारों सिंह किसान नेता उपाध्यक्ष पांकी सह लोहरसी प्रखंड संघर्ष समिति अध्यक्ष सजाद अंसारी, त्रिलोकी नाथ गुप्ता, वकील मियां, सियारामदास, दशरथ बड़ाइक, और कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।                               

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