सिंचाई योजना किसानों के लिए 7 वर्षों से सफेद हाथी

बिलासपुर। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण लगभग दो करोड़ की लागत वाली उठाऊ सिंचाई योजना सुन्हाणी क्षेत्र के लगभग 200 किसानों के लिए 7 वर्षों से सफेद हाथी बनी हुई है। इस योजना के लिए विभाग की ओर से आधे अधूरे टैंक बना कर पाइप लाइन बिछाई गई पर उसके बाद भी आज तक इस योजना से किसी भी किसान को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पाया। किसानों ने बताया कि कनिष्ठ अभियंता की मिलीभगत से ठेकेदार ने उक्त पाइप लाइन के काम में खडड की मिट्टी युक्त रेत व बजरी लगाकर गुणवत्ता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। सुन्हाणी के गांव लेहड, बेला, धरोटी व सुन्हाणी की लगभग 75 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है जिससे क्षेत्र के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
किसानों शशि पाल विकास कौशल ओंकार चौधरी देशराज कौशल प्यार सिंह सुरेंद्र कौशल संजय कुमार विद्यासागर चौधरी, राजेश कौशल तारा सिंह रणजीत सिंह प्रदीप कुमार भगवान चंद बलदेव सिंह धर्मपाल चौधरी कपिल सहित सहित अन्य किसानों ने बताया कि गंदम सहित अन्य नगदी फसलों जैसे लहसुन प्याज आलू गोभी बैंगन टमाटर की फसल के लिए उनको सिंचाई के पानी की अधिक आवश्यकता पड़ती है लेकिन उनको खंड के नजदीक होते हुए भी सिंचाई का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया इसके साथ ही पशुओं के लिए 15 सो रुपए किलो बीज बरसीन दूधिया घास, मखनी घास व चॉकलेटी घास का लगाया है जो भी बिना पानी के सूख रहा है उन्होंने बताया विभाग ने उनको आश्वस्त किया था कि नवंबर में पानी दे दिया जाएगा जिस कारण किसानों ने हजारों रुपए के बीज खेतों में बीज दिए हैं लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण उनका हजारों रुपए का नुकसान हो गया है बताया कि योजना का आनन फानन में बिना मशीनरी लगे उद्घाटन भी कर दिया गया है। उद्घाटन के तीन वर्ष बाद विभाग ने मशीनें लगाई लेकिन अभी 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी खेतों तक अभी पानी नहीं पहुंच पाया है। किसानों ने बताया कि सूखे की मार से निपटने के लिए सिंचाई योजना बनाई गई थी लेकिन विभाग योजना को चालू न करके उनके साथ अन्याय कर रहा है।उन्होंने विभाग को चेताया है कि योजना को जल्दी शुरू नहीं किया गया तो मजबूरन लोगों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। उधर, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिशासी अभियंता रतन चंद ने बताया कि योजना के तहत पाइप लाइन डालने के लिए कार्य किया जा चुका है लेकिन गांव लेहड में जमीनी विवाद के चलते वह कार्य लटका हुआ है। उन्होंने बताया कि जमीनी विवाद के सुलझते ही ग्रामीणों को सिंचाई योजना का लाभ दिया जाएगा।

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