एक राष्ट्र एक चुनाव अभियान के प्रदेश संयोजक सुनील भार्गव ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी।
भार्गव ने कहा कि देश में अब तक का सबसे महत्वपूर्ण संशोधन 129वां विधेयक है। इस विधेयक के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक राष्ट्र एक चुनाव करवाने के पक्ष में है लेकिन सांसदों की मांग पर इस विधेयक को जेपीसी में भेजा गया, जहां पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक साथ चुनाव कराने संबंधी उच्च स्तरीय समिति बनाई गई थी। इस समिति ने बताया कि एक साथ चुनाव कराने से सरकार का ध्यान विकासात्मक गतिविधियों और जन कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नीतियों के कार्यान्वयन पर केंद्रित होगा। चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता के कार्यान्वयन से नियमित प्रशासनिक गतिविधियाँ और विकास संबंधी पहल बाधित होती हैं। यह व्यवधान न केवल महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति में बाधा डालता है, बल्कि शासन संबंधी अनिश्चितता को भी जन्म देता है। एक साथ चुनाव कराने से आचार संहिता के लंबे समय तक लागू होने की संभावना कम होगी, जिससे नीतिगत निर्णय लेने में देर नहीं होगी और शासन में निरंतरता संभव होगी। वहीं एक साथ चुनाव आयोजित होने से, सरकारी अधिकारियेां की बार-बार चुनाव ड्यूटी की आवश्यकता कम हो जाएगी, जिससे सरकारी अधिकारी और सरकारी संस्थाएं चुनाव-संबंधी कार्यों के बजाय अपनी प्राथमिक भूमिकाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। इससे होने वाले आर्थिक लाभों में संसाधनों का अधिक कुशल आवंटन और बेहतर राजकोषीय प्रबंधन शामिल हैं, जो आर्थिक विकास और निवेशकों के विश्वास के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देता है।
संवाद कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल मीणा, नाहर सिंह जोधा, मुकेश दाधीच, प्रदेश मंत्री पिंकेश पोरवाल, पूर्व सांसद रामचरण बोहरा, विधायक कल्पना देवी, भाजपा जयपुर शहर जिलाध्यक्ष अमित गोयल, जयपुर देहात जिलाध्यक्ष राजेश गुर्जर सहित भाजपा के पदाधिकारी, मोर्चा, विभाग और प्रकोष्ठ के संयोजक सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, युवा और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
जयपुर ब्यूरो चीफ राजीव सोनी