मेरठ का मोदीपुरम थानाक्षेत्र शाम 5:30 बजे थे। डीन वेटनरी डॉ. राजबीर सिंह कृषि विवि से कार से घर लौट रहे थे। मोदीपुरम स्थित बिजलीघर के सामने बाइक से ओवरटेक कर रहे बदमाशों ने कार रोक ली। उन्हें देख डीन ने हाथ जोड़ लिए। हेलमेट पहने दो बदमाश बाइक से उतरे। एक ने सामने से और दूसरे बदमाश ने ड्राइविंग सीट की ओर जाकर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं।
शीशे तोड़कर गोलियों ने कार में बैठे राजबीर के शरीर लहूलुहान कर दिया। करीब चार मिनट रुकने के बाद बदमाश भाग गए। घटनाक्रम का चश्मदीद कृषि विवि का एक छात्र है। उसने पुलिस को जानकारी दी है।
अरे…गोली क्यों चला रहे हो… यह कहने के बाद चीखने लगे डॉ. राजबीर
वारदात के दौरान डिपार्टमेंट के डॉ. अमित कुमार को डीन ने फोन मिलाया और बात करने लगे। उनकी गाड़ी धीमी चल रही थी। तभी डॉ. अमित ने गोली और शीशा टूटने की आवाज सुनी। इस बीच डॉ. राजबीर सिंह बोले- अरे गोली क्यों चला रहे हो।
कई राउंड फायरिंग के बाद डॉ. राजबीर सिंह के रोने की आवाज आने लगी। वह जान बचाने की जद्दोजहद कर रहे थे। इसके बाद फोन बंद हो गया। बाद में डॉ. अमित ऑफिस से नीचे आए और देखा कि कार नीचे नहीं है। इसके बाद वह गार्ड को बोलकर निकले। उन्हें लगा कि कोई हादसा हो गया है। जब तक वह घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां पर खून ही खून पड़ा था। सीओ दौराला आशीष कुमार ने बताया कि डॉ. राजबीर का फोन भी टूट गया था।
गोलियों की आवाज सुनकर भाग गया गार्ड
बदमाशों ने हेलमेट पहनकर पिस्टल से फायरिंग की। उनकी कोशिश रही कि वारदात के दौरान वह पहचान में न आएं। वहीं, विवि के मेन गेट पर एक गार्ड बैठा था। गोलियों की आवाज सुनकर वह घबराकर भाग गया। गार्ड पर भी फायरिंग की गई। वह शोर मचाते हुए कैंपस की ओर भागा। बाद में डायरेक्टर आजाद सिंह पंवार और अन्य वैज्ञानिक पहुंचे।
चिल्लाते रहे डीन, तमाशबीन बने रहे लोग
बदमाश गोलियां बरसाते रहे और डीन मदद के लिए चिल्लाते रहे। इस बीच वहां से गुजर रहे लोग बदमाशों का सामना करने का साहस नहीं जुटा पाए। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल रही है। आसपास मौजूद बच्चों और अन्य लोगों में भी दहशत बनी रही।