शबरी माता श्री राम लक्ष्मण की होगी स्थापना

सूर्यपुत्री मां ताप्ती के समीप आदिवासी अंचल क्षेत्र बाटलाकला में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा

कथा वाचक मां सरस्वती के वरद पुत्र संत श्री कमल किशोर जी नागर महाराज

शबरी माता श्री राम लक्ष्मण की होगी स्थापना संत श्री कमल किशोर जी नागर महाराज के द्वारा होगी स्थापना

लोकेशन दामजीपुरा
संवाददाता इदरीश विरानी

भीमपुर विकासखंड के आदिवासी अंचल में बाटलाकला में मां ताप्ती नदी के समीप चल रही श्रीमद भागवत कथा में मां सरस्वती के वरद पुत्र प्रसिद्ध पं. श्री कमलकिशोर नागर की भागवत कथा चल रही है, जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया बताया गया कि महारष्ट्र के समीप बाटलाकला में दूर दराज महाराष्ट्र से भी श्रद्धालुओं बड़ी संख्या में पहुचकर भागवत का श्रवण कर रही है वहीं बताया की भीमपुर ब्लॉक में यह चोथी भागवत है पं. नागर जी ने धर्मसभा में कहा कि कथा जिसने सुनी वह सुख सागर से मिलता है, सच्चा सुख भगवान तुम्हारे चरणों में है। पाप का घड़ा टूटने मत देना कहते हुए पं. नागर ने भजन सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया कि..सुख और दुख दोनों ही कड़वा है

 


भगवान श्रीकृष्ण का हुआ जन्म
पंडित कमल किशोर नागर ने श्रीमद् भागवत कथा का वाचन करते हुए हजारों की संख्या में उपस्थित धर्मालुओं के मध्य कही। कथा पं. नागर जी के भजनों पर जमकर झूमते हुए कथा का आनंद लिया। आज श्री कृष्ण जन्मोत्सव भी बड़ी धूमधाम से मनाया गया। 12 से 15 हजार की संख्या में महिला व पुरुष कथा श्रवण करते नजर आए। पं. कमल किशोर नागर ने अलग-अलग तरीके से कथा से उदाहरण देकर समझाया कोर्ट में शादि नहीं करे, शादि करना है तो कोट पहनकर व घोड़ी पर बैठ कर बैंड बाजों के साथ ही करें। साथ ही बड़े बुजुर्गों की सहमति व उनके आशीर्वाद के बगैर नहीं करे।
सती और संत कभी मरते नहीं है, मृत्यु लोक औपचारिकता है पर मरने के बाद वह मोक्ष प्राप्त कर लेते हैं। भजन में बहुत ताकत है। भजन के माध्यम से भी महाराज ने समझाया कि प्रभु तेरा द्वार न छूटे रे छूट जाए छूट जाए संसार तेरा… प्रभु तेरा द्वार ना छूटे रे… धन भी छूटे, योवन भी छूटे पर प्रभु का आशीर्वाद नहीं छूटे… आयोजक समिति ने बताया कि पूर्व में इतिहास माना जाता है कि माता शबरी रामगढ़ नदी के नाम से जाना जाती है बाटलाकला का इतिहास है कि मां शबरी इस वनवासी क्षेत्र में रहती थी वन के अंदर उनके हाथ का कुआ आज ही उपलब्ध है इसी कारण मां शबरी की स्थापना एवं राम लक्ष्मण की मूर्ति स्थापना श्री कमल किशोर जी नागर महाराज के द्वारा स्थापित की जा रही है । आयोजक समिति धर्मेंद्र ने बताया कि गया कि भागवत कथा में रहने व खाने की सारी व्यवस्था बाटला कला की और से की जा रही है आयोजक समिति धर्मेंद्र बामने नारायण सरपंच कमलेश बामने राहुल संजय बामने गोलू हरसुले रामचंद्र मनोज भोजराज जी उपस्थित रहे

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