बिहरा मे चल रहे सप्तदिवसीय श्रीमद् भागवात कथा का आज भव्य भंडारे के साथ समापन

बिहरा मे चल रहे सप्तदिवसीय श्रीमद् भागवात कथा का आज भव्य भंडारे के साथ समापन

पत्रकार अमित पाण्डेय के यहा आज से व्यास जी महराज हरिओम तिवारी जी कि श्रीमद भागवात कथा का समापन

सिंगरौली जिले के बिहरा गांव पाण्डेय परिवार के यहां चल रहे श्रीमद् भागवत कथा का समापन कल शुक्रवार को हवन एवं भंडारा के साथ हुआ। भंडारा से पूर्व कथा स्थल पर 51 कन्याओं का पूजन व्यासजी महाराज के द्वारा किया गया एवं उनको भोजन कराया गया। कथा वाचक संत श्री हरिओम तिवारी जी महाराज ने अंतिम दिन सुदामा एवं श्री कृष्ण की मित्रता का वर्णन सुनाया कि जीवन मे मित्रता में बड़ा छोटा का भाव एवं ऊंच नीच का भाव नहीं होना चाहिए, मित्रता का भाव एक समान होता है। द्वारिकाधीश भगवान श्रीकृष्ण की तरह जैसा उन्होंने श्री सुदामा के साथ मित्रता का व्यवहार निभाया। अंतिम उपदेश में आचार्य ने बताया कि अन्य ग्रंथ मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाते है और श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य को मरना सिखाती है, जीवन मे जीने के बाद कैसी मृत्यु हो, श्री शुकदेव भगवान ने महाराज परिक्षित को भागवत का उपदेश देकर उन्हें तक्षक सर्प के काटने से पहले ही भागवत ज्ञान के द्वारा मुक्त कर दिए थे। हवन एवं कन्या भोजन के बाद आयोजन कमिटी के द्वारा समस्त ग्रामवासियों के लिए प्रसाद सह रात्रि भोजन की व्यवस्था की गई थी। आयोजन को सफल बनाने में, कार्यक्रम में शामिल हुए पत्रकार अमित पाण्डेय एवं मुख्य यजमान राम लल्लू पाण्डेय एवं सोनमती पाण्डेय इसके साथ साथ लक्ष्मण प्रसाद तिवारी प्रकाश तिवारी, रिचा पाण्डेय, निशा द्विवेदी, प्रेमा तिवारी, अम्ब्रेश तिवारी, वेद राज द्विवेदी सहित अन्य लोग हवन एवं पूर्णाहुति में शामिल रहे|

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