अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अनुशंसा राशि में देवरी सरपंच की मनमानी से हो रहा अनुचित कार्य जिल कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन,,,
स्टीमेट के विरूद्ध हो रहा मिनीमाता प्रतिमा स्थापना एवं सौंदर्यकरण कार्य – केशव दास कोसरे पंच ग्राम पंचायत देवरी
ग्राम पंचायत देवरी में अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण निधि के माध्यम से मिनीमाता प्रतिमा स्थापना एवं सौंदर्यकरण कार्य के लिए 2 लाख 23 हजार रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी, उक्त कार्य में ग्राम पंचायत देवरी के सरपंच द्वारा मनमानी करते हुवे पूर्व में बने जैतखाम की चौड़ी में ही मिनीमाता की मूर्ति को स्थापित किया जा रहा था। जिसका विरोध करते हुवे सरपंच केजराम साहू के विरूद्ध जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें मिनीमाता की मूर्ति को अलग स्थान में स्थापना करने की मांग की गई। ज्ञापन सौंपने के दौरान खैरागढ़ सतनामी सेवा समिति के ब्लॉक अध्यक्ष धनेश्वर मार्कण्डेय, केशव दास कोसरे पंच ग्राम देवरी, भीखम पाटले पंच ग्राम देवरी, कीर्तन देशलाहरे, आनंदी चंदेल, उमेश कोठले, संतोष मारिया, अजय डहरे, गोवर्धन बांधे एवं बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोग उपस्थित रही।
ज्ञापन सौंपने में ग्राम पंचायत देवरी के पंचों की रही अहम भूमिका
मिनीमात प्रतिमा स्थापना व सौंदर्यकरण में सरपंच द्वारा की जा रही मनमानी को देखते हुवे सरपंच के विरूद्ध ग्राम पंचायत देवरी के पंचों ने मोर्चा खोल दिया है।
वहीं ग्राम पंचायत देवरी के वार्ड नंबर 14 के पंच केशव दास कोसरेे ने बताया कि मिनीमाता मूर्ति स्थापना व सौंदर्यकरण कार्य स्टीमेट के हिसाब से नहीं किया जा रहा है। मिनीमाता की मूर्ति को पूर्व में बने जैतखाम के उपर ही रखा जा रहा है जो सामाजिक हित में नहीं है। सामाजिक मान्यता के अनुसार जैतखाम व मीनीमता को एक स्थान में नहीं रखा जाता इसकी जनकरी सरपंच को हमारे द्वारा बार बार दी गई परन्तु सरपंच ने कोई ध्यान नहीं दिया जिसके बाद हमारे पंच साथी भीखम पाटले व ग्राम देवरी के सतनामी समाज के वरिष्ठ लोगो द्वारा लिखित में सरपंच के विरुद्ध खैरागढ़ मुख्य कार्यपालन अधिकारी को मामले की जानकारी दी गई परन्तु उनके द्वारा आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। मिनीमाता मूर्ति स्थापना व सौंदर्यकरण कार्य स्टीमेट के हिसाब से नहीं किया जा रहा है।
केजराम साहू ( सरपंच ग्राम पंचायत देवरी)
काम चालू है मंच बन गया है,टाइल्स बस लगाना था। मिनीमाता और घासीदास की मूर्ति एक स्थान में ही लगाना था। पर अब सतनामी समाज के लोग बोल रहे है, कि मिनीमाता और गुरु घासीदास का मूर्ति अलग करने।