जनपद ऊधम सिंह नगर में कानून-व्यवस्था पर सवाल

लगातार कुछ समय से जनपद ऊधम सिंह नगर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है। हत्या, लूटपाट, बलात्कार,चोरी डकैती,मारपीट जैसे अपराध जोरों पर हैं तो मित्र पुलिस का ‘अपराधियों में डर, आमजन में विश्वास’ सिर्फ स्लोगन तक सिमट गया है।

हकीकत में पुलिस से अपराधियों को डरना होता है। लेकिन खुलासों पर खुलासे के वाबजूद जनपद ऊधम सिंह नगर में आपराधिक घटनाओं का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है।

बढ़ते आपराधिक मामले जनता के साथ पुलिस के लिए भी चिंता का सबब बने हुए हैं। वर्ष 2022 में लूट, डकैती, दुष्कर्म, चोरी और बिजली चोरी सहित हत्याओं के भी घटनाए लगातर हो रही है। यहां आये दिन अवैध खनन, जमीनी विवाद और प्रॉपर्टी के कारण खूनी खेल खेला जा रहा है। आंकड़ों पर नजर डाले तो उधम सिंह नगर जिले में 9 महीने में 37 हत्याएं हो चुकी हैं।

   

वही अपराधों पर अंकुश लगाने में पुलिस प्रशासन नाकाम साबित हुआ है।उधम सिंह नगर जिले में एक के बाद एक आपराधिक घटनाओं में इजाफा देखने को मिल रहा है। कुछ दिन पहले ही पुलिस ने कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या की साजिश कर रहे चार आरोपियों को जेल भेजा। तो वहीं बुधवार और गुरुवार को दो अलग अलग घटनाओं में गोली मार कर एक महिला और एक पुरुष की हत्या कर दी गई। ऊधम सिंह नगर के आपराधिक आंकड़ों पर अगर नजर डाली जाए तो जनपद में 9 महीने में 37 हत्याएं हो चुकी हैं पिछले कुछ सालों में जनपद में अवैध खनन और जमीनी विवाद, आपसी रंजिश को लेकर हत्याएं हो रही हैं।प्रदेश में अंकिता हत्या कांड के बाद सरकार पहाड़ी जनपदों से राजस्व पुलिस को हटाने की तैयारी कर रही है लेकिन प्रदेश के तराई के जनपदों में अपराधों पर लगाम लगा पाने में पुलिसिंग फेल साबित हो रही है। जनपद ऊधम सिंह नगर और हरिद्वार में सबसे अधिक अपराध होते हैं।

आए दिन दोनों जनपदों में हीनियस अपराध देखने को मिल रहे हैं हालांकि, समय-समय पर पुलिस द्वारा घटनाओं का अनावरण किया जाता रहा है, मगर फिर भी अपराधों पर अंकुश लगाने में पुलिस नाकाम ही साबित हुई है। ऊधम सिंह नगर जनपद की बात की जाये तो पिछले साल 2021 में जनपद में 34 हत्याएं हुई। एक जनवरी 2022 से 30 सितंबर तक 37 हत्याएं हो चुकी हैं। जिसमें अधिकांश मामले या तो खनन या फिर जमीनी विवाद से जुड़े है। बुधवार को ठाकुरद्वारा पुलिस खनन माफिया का पीछा करते हुए काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र में पहुंची। जहां पर आपसी धक्का-मुक्की के दौरान चली गोली में एक महिला की मौत हो गई। इस घटना के कुछ घंटो बाद काशीपुर थाना क्षेत्र के कुंडेश्वरी में भी एक खनन व्यवसाई की गोली मार कर हत्या कर दी है।

इतना ही नहीं उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार कैबिनेट मंत्री की हत्या की साजिश की गई। जिसमें मुख्य आरोपी हीरा सिंह को शक था की कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने उसके खनन कार्य को बंद करवा दिया। साथ ही उसे चोरी के मामले में जेल भिजवाया था। जिसके बाद उसने कैबिनेट मंत्री की हत्या की साजिश रची। इससे पूर्व आरोपी घटना को अंजाम देते पुलिस ने चार आरोपियों को मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिसमें से आरोपी सतनाम सिंह, हरभजन सिंह और गुड्डू के यूपी के बदमाशो से लिंक थे। पूरे मामले में हीरा सिंह ने सौरभ बहुगुणा का हत्या करने के लिए 20 लाख की सुपारी दी थी

इससे पूर्व जनपद में पैसों की लालसा आदमी को हैवान बना रही है. वही 15 जून 2021 को खेत के विवाद में दो सगे भाइयों के खून से खेत लाल हो गए थे। मामला रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के प्रीत नगर का था। जहां जमीन जोतने के दौरान दो पक्षों के बीच मेंड को लेकर विवाद हो गया जिसमें पप्पू मिश्रा द्वारा अपनी लाइसेंसी बंदूक से दोनों भाई गुरपेज सिंह और गुरुकीर्तन की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.संपत्ति कब्जाने के लिए कर डाली हत्याएं।।

साल 2019 में ऊधम सिंह नगर जनपद में संपत्ति कब्जाने को लेकर एक दामाद ने अपने दोस्त के साथ मिल कर सास ससुर और दो सालियों की हत्या कर शव घर में ही दफन कर दिया। घटना का तब खुलासा हुआ जब दामाद नरेंद्र गंगवार वर्ष 2020 में ससुर की मीरगंज में जमीन को खुर्द पुर्द करने पहुंचा था। खेत के बंटाईदार को शक होने पर वह ट्राजिट कैंप पहुंचा। जिसके बाद उसके द्वारा थाना पुलिस को मामले की शिकायत की थी। पुलिस ने आरोपी दामाद को हिरासत में लेते हुए पूछताछ की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। आरोपी की निशानदेही पर जब 28 अगस्त को पुलिस ने घर की खुदाई की तो ससुर हीरालाल, सास हेमवती देवी और दो सालियों पार्वती और दुर्गा के शव को बरामद किये गये। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी दामाद और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

वही 15 जून 2021 को खेत के विवाद में दो सगे भाइयों के खून से खेत लाल हो गए थे। मामला रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के प्रीत नगर का था। जहां जमीन जोतने के दौरान दो पक्षों के बीच मेंड को लेकर विवाद हो गया जिसमें पप्पू मिश्रा द्वारा अपनी लाइसेंसी बंदूक से दोनों भाई गुरपेज सिंह और गुरुकीर्तन की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.संपत्ति कब्जाने के लिए कर डाली हत्याएं।। साल 2019 में ऊधम सिंह नगर जनपद में संपत्ति कब्जाने को लेकर एक दामाद ने अपने दोस्त के साथ मिल कर सास ससुर और दो सालियों की हत्या कर शव घर में ही दफन कर दिया। घटना का तब खुलासा हुआ जब दामाद नरेंद्र गंगवार वर्ष 2020 में ससुर की मीरगंज में जमीन को खुर्द पुर्द करने पहुंचा था। खेत के बंटाईदार को शक होने पर वह ट्राजिट कैंप पहुंचा। जिसके बाद उसके द्वारा थाना पुलिस को मामले की शिकायत की थी। पुलिस ने आरोपी दामाद को हिरासत में लेते हुए पूछताछ की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। आरोपी की निशानदेही पर जब 28 अगस्त को पुलिस ने घर की खुदाई की तो ससुर हीरालाल, सास हेमवती देवी और दो सालियों पार्वती और दुर्गा के शव को बरामद किये गये। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी दामाद और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

बाजपुर कोतवाली क्षेत्र के पिपलिया गांव में खनन के पैसों को लेकर दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हो गया था। जिसमें एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी जबकि तीन लोग घायल हो गए थे मामले में खनन के पेसों के लेनदेन सामने आया था। घटना 26 अप्रैल 2022 की थी. जिसके बाद पुलिस ने घटना में कांग्रेसी नेता सहित अविनाश शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। था।

जानकारों की माने तो जनपद में पूरी तरह से अपराधियों में पुलिस का खौफ कम होता जा रहा है। कम समय में अधिक संपत्ति अर्जित करने के लिए लोग कुछ भी करने को तैयार हैं। अवैध खनन, भूमि से संबंधित मामले या प्रॉपर्टी विवाद ज्यादातर अपराधों की वजह हैं। उन्होंने कहा समाज भी ऐसे अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को स्टेट्स देने में जुटा हुआ है। जिससे कहीं न कहीं अपराधियों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं। जानकर यह भी मानते है कि जनपद में आसमान छूते जमीन के रेट और अवैध खनन हत्याओं का कारण बन रहा है। यही नहीं सफेदपोश नेताओं का संरक्षण भी अपराध को बढ़ावा दे रहा है. जिसके कारण लोग कम समय में संरक्षण की आड़ में ज्यादा पैसे कमाने की होड़ में जुटे हुए हैं. इसी कारण जनपद में हत्याओं का ग्राफ बढ़ रहा है. छोटी छोटी बात पर लोग अवैध हथियारों का प्रदर्शन करने लगते हैं, जो बाद में आगे चल कर रंजिश और बाद में हत्या जैसी संगीन घटनाओं में तब्दील हो रही हैंआर्थिक स्थिति मजबूत हो या ना हो,
खुश रहने के लिए….
मानसिक स्थिति मजबूत होना बहुत ज़रूरी है।

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