गांव डुमरिया के रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण के लिए आज पुनः हुआ सीमांकन, भारी पुलिस जाप्ता रहा मौजूद
बयाना। बयाना में बयाना-हिंडौन स्टेट हाईवे स्थित डुमरिया फाटक पर पीडब्ल्यूडी की ओर से बनवाए जाने वाले ओवरब्रिज को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ओवरब्रिज निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा अवाप्त की जाने वाली कृषि भूमि को लेकर स्थानीय ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। मामले में अवाप्त की जाने वाली भूमि के सीमांकन (डिमार्केशन) के लिए मंगलवार को एक बार फिर प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ वार्ता की। प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश पर ग्रामीणों ने डिमार्केशन की तो सहमति दे दी, लेकिन जमीन अवाप्ति प्रक्रिया को लेकर गतिरोध बरकरार बना हुआ है। करीब 5 घंटे तक चली जद्दोजहद के बाद पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने ओवरब्रिज निर्माण के लिए अवाप्त की जाने वाली जमीन का डिमार्केशन किया। उल्लेखनीय है कि स्टेट हाईवे स्थित डुमरिया फाटक पर पीडब्ल्यूडी की ओर से ओवरब्रिज निर्माण कराया जाना है। रेलवे ट्रैक के ऊपर बनने वाले ब्रिज का काम तो कंप्लीट हो चुका है। लेकिन ट्रैक के दोनों तरफ ब्रिज का काम शुरू नहीं हो पाया है। ब्रिज के दायरे में कृषि भूमि आ रही है। इस पर करीब आधा दर्जन लोगों ने अपने मकान भी बना रखे हैं। ग्रामीण अवाप्त की जाने वाली जमीन के बदले में जमीन की मांग कर रहे हैं। जबकि पीडब्ल्यूडी का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में अवाप्त की जाने वाली जमीन का नगद मुआवजा ही दिया जा सकता है। इसी को लेकर पीडब्ल्यूडी और ग्रामीणों के बीच गतिरोध बना हुआ है। इसके कारण पिछले करीब एक साल से ओवरब्रिज निर्माण का कार्य भी बंद पड़ा हुआ है। मंगलवार को कलेक्टर के निर्देश के बाद एसडीएम त्रिलोक चंद मीना, डिप्टी एसपी दिनेश यादव, तहसीलदार अमित शर्मा, पीडब्लूडी एक्सईएन गोविंद मीना, एसएचओ हरिनारायण मीना आदि अधिकारियों-कर्मचारी सहित सर्किल के सभी थानों और पुलिस लाइन से आए पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जिन्होंने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष भूरा भगत के नेतृत्व में ग्रामीणों से वार्ता की। वार्ता के बाद ग्रामीणों की सहमति के बाद प्रशासन ने डिमार्केशन किया।