ग्राम रमायन में स्थित शिव मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में हरिद्वार से पधारे स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने वामन अवतार,कृष्ण अवतार का श्रवण कराया गया।

भरथना से सूरज कुमार की रिपोर्ट

ग्राम रमायन में स्थित शिव मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में हरिद्वार से पधारे स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने वामन अवतार,कृष्ण अवतार का श्रवण कराया गया।

कथा का श्रवण कराते हुए स्वामी प्रेमानंद जी महाराज  ने बताया मन एक ही है यह मन संसार में लग जाए तो बंधन का कारण होता है तथा वही एक मन परमात्मा की भक्ति में लग जाए तो मुक्ति को देने वाला हो जाता है। मन ही मनुष्य के बंधन और मोक्ष का कारण है। वामन अवतार की कथा सुनाते हुए स्वामी जी ने बताया कि भगवान ने राजा बलि से तीन चीजें मांगीं। हम सब से भी भगवान तीन ही चीजें मांगते हैं तन,मन और धन।तन से सेवा करने पर तन के पाप कटते हैं, मन से ध्यान करने पर मन के पाप मिटते हैं तथा धन का दान करने पर धन शुद्ध होता है। जैसे भगवान श्री कृष्ण ने वासुदेव और देवकी को दर्शन दिया वैसे ही जो प्रतिकूल परिस्थिति में भी भगवान का विश्वास भगवान की आराधना नहीं छोड़ता भगवान उसके हृदय में अवतार लेकर दर्शन देते हैं।भागवत कथा में सहायक आचार्य तपेन्द्र प्रसाद शर्मा,कन्हैया लाल तिवारी,राजेन्द्र शर्मा ने भी प्रवचन सुनाए।

भागवत कथा के दौरान आयोजक सौभाग्य कैलाश कांत मिश्रा, गीता मिश्रा के अलावा पूर्व प्रधान कृष्ण गोपाल उपाध्याय , सुशांत उपाध्याय आदि के अलावा बड़ी संख्या में महिला/पुरुष श्रद्धालुओं की मौजूदगी रही।

 

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