संस्कृत ही विश्व में प्रचलित सभी भाषाओं की जननी और इतिहास का सर्वप्रथम स्त्रोत: दिल्ली विश्वविद्यालय UGC छात्र राजदूत लव सिंह राठौड़

राजाखेड़ा,धौलपुर

संस्कृत ही विश्व में प्रचलित सभी भाषाओं की जननी और इतिहास का सर्वप्रथम स्त्रोत: दिल्ली विश्वविद्यालय UGC छात्र राजदूत लव सिंह राठौड़

दिल्ली विश्वविद्यालय में 12अप्रैल 2024 को श्री अरविन्द महाविद्यालय
एवं पी.जी.डी.ए.वी.महाविद्यालय,
दिल्ली विश्वविद्यालय संस्कृत

भारती,देहली प्रांत के संयुक्त तत्त्वावधान में दशदिवसीय संस्कृत-सम्भाषण-शिविर का आयोजिन किया गया।
शिविर का मूल उद्देश्य संस्कृत और अपनी संस्कृति को पहचानना एवं संस्कृत भाषा को देनिकचर्या में उपयोग करने से अवगत करना।
कार्यक्रम के मुख्यतिथि प्रो.बृजेश पाण्डेय
(संस्कृत-संकायाध्यक्ष जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय), विशिष्टातिथि डॉ.कृष्णमोहन पाण्डेय(सहाचार्य,प्रांत प्रचार प्रमुख,संस्कृतभारती,दिल्ली प्रांत) और महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. विपिन कुमार अग्रवाल कार्यक्रम के संरक्षक,कार्यक्रम संयोजक डॉ.विजित कुमार(शिक्षक प्रभारी- संस्कृत प्रभारी,श्री अरविन्द महाविद्यालय) एवं सह संयोजिका ऋचा
(सहायकचार्या,संस्कृत विभाग, पी.जी.डी.ए.वी महाविद्यालय) और संस्कृत विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे।धौलपुर जिले के उपखंड राजाखेड़ा के छात्र लव सिंह राठौड़ ने एक बार फिर दश दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर
में सफल मंच संचालन की भूमिका निभाई।कार्यक्रम में UGC छात्र राजदूत और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ सांस्कृतिक अध्यक्ष लव सिंह राठौड़ ने भाग लेकर कार्यक्रम समाप्ति पर शान्ति मंत्र का संस्कृत में उच्चारण किया। लोगों को अपनी भाषा शैली और आश्चर्यचकित ध्वनि से वहां के अतिथियों और उपस्थिति लोगों का मन मोह लिया।

रिपोर्ट मनोज राघव के साथ कुश राठौर राजाखेड़ा

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