ख़बर धौलपुर से
कांस देवता का लोक मेला विपरपुर में आयोजित
कांस देवता ने दुधारू पशुओं को रोग मुक्त रहने का दिया आशीर्वाद
लोक मान्यता के अनुसार दुधारू पशुओं को रोग मुक्त रखने के लिए पालतू पशुओं के प्रथम दूध से बनी खीर, दही आदि सामग्री को लोक देवता कांसबाबा पर चढ़ाने की परंपरा का निर्वहन ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाता है। वैशाख कृष्ण छठ पर विपरपुर स्कूल के प्रांगण में बने कांसदेव के मंदिर पर प्रतिवर्ष आयोजित इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मनौती मांगने तथा मनौती पूरी होने पर नेजा चढ़ाने आते हैं।नेजे में लंबे बांस पर झंडा, गुब्बारे, रंगीन रिबन, रंगीन कागज की विविध फूल आदि आकृतियों से उसे सजाकर ढोल बाजे के साथ मंदिर पर आकर उसे प्राचीन बरगद के पेड़ पर ऊंचा बांधा जाता है। जिसमें वे श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार चांदी, पीतल की घंटियां भी लगाते हैं। महिलाएं गीत गाते और नृत्य करती हुई साथ-साथ चलती हैं।
मेले को व्यवस्थित रूप देने के लिए ग्रामीणों ने मेला कमेटी कुंजगिरि बाबा जनकल्याण ट्रस्ट बनाकर उन्हें बाहर से आने वाले दुकानदारों के लिए मेला स्थल पर आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी। जिसमें व्यवस्थापक सदस्य ऋषि शर्मा और ओमप्रकाश बघेल ने बताया कि युवाओं द्वारा प्रत्येक दुकानदार को दोपहर का भोजन, पेयजल और छायादार स्थान उपलब्ध कराया गया। इसके लिए पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दुकान के लिए स्थान आवंटित किए गए। मेले में आने वाली युवतियों और महिलाओं के साजो श्रृंगार के लिए लगाई गई दुकानों के लिए अलग से जगह निर्धारित की गई जिससे उन्हें असुविधा न हो। मेला कमेटी सदस्यों ने बताया कि मेले में रात्रि कार्यक्रम के लिए बिजली आदि के लिए जनरेटर आदि की व्यवस्था भी की गई। कांसबाबा के भगत पप्पू बघेल ने सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए उनकी उपस्थिति मंदिर में दर्ज कराई।