मथुरा. अपने इष्ट की भक्ति में लीन एक साध्वी ने कान्हा के प्रेम में डूबकर शनिवार को शुभ मुहूत में कान्हा से ब्याह रचा लिया। पूरे रीति रिवाज अपनाए गए। साध्वी दुल्हन की तरह सजी और परिवार ने द्वारचार समेत अन्य रस्में निभाई। सभी पड़ोसी भातई बनकर आए तो परिचित, स्वजन और रिश्तेदार, इस अनोखे विवाह के साक्षी बने। 250 से ज्यादा बराती और घरातियों की दावत भी हुई।
शहर के गोवर्धन रोड स्थित हंसराज कालोनी में रहने वाले कथावाचक आचार्य चतुर्भुज की बेटी गुंजन भारद्वाज भगवान श्रीकृष्ण भक्ति में लीन हैं। 24 वर्षीय गुंजन ने बीए प्रथम वर्ष के बाद आगे की बढ़ाई छोड़ दी। कान्हा की भक्ति में ही पूरा दिन रमकर साध्वी की तरह रहने लगीं। कथावाचक कहते हैं कि उनके चार बच्चों में गुंजन सबसे छोटी है। उन्होंने बेटी की शादी के लिए कई रिश्ते देखे, लेकिन उसने मना कर दिया। उसने भगवान श्रीकृष्ण से शादी की इच्छा जताई। कहा कि अगर कान्हा से शादी नहीं हुई, तो वह कहीं शादी नहीं करेगी। बेटी की इच्छा का सम्मान करते हुए उन्होंने शनिवार को विवाह का दिन तय किया। घर में कान्हा का विग्रह था। कान्हा के विग्रह को गोवर्धन चौराहा से लाया गया और वह बारात लेकर हंसराज कालोनी पहुंचे। ब्यूटी पार्लर से दुल्हन की तरह गुंजन सजीं। मुहल्ले के लोग भात लेकर भी आए। बकायदा बरात घर पहुंचने पर द्वारचार हुआ। इसके बाद वरमाला और फेरों की रस्में भी निभाई गई।पिता ने बताया कि उन्होंने पांचांग देखकर आज का दिन तय किया था। गुंजने के दो भाई कृष्ण मुरारी और गिरवर कथा वाचक हैं। बड़ी बहन नीलम की शादी 20 वर्ष पूर्व बरारी गांव में हुई थी। गुंजन और कान्हा के विवाह में करीब ढाई सौ लोग मेहमान बने। भक्त और भगवान के बीच इस अटूट आस्था के बंधन के शुभावसर पर शादी में सम्मिलित हर व्यक्ति भक्तिमय रंग में रंगा नजर आया।।
👆भरतपुर से हेमंत दुबे की रिपोर्ट👆