नदबई विधानसभा के उच्चैन प्रधान हिमांशु अवाना के निलंबन पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
जांच में लोक सेवकों को भी माना था दोषी, लेकिन उन पर नहीं हुई कोई कार्रवाई जबकि सुपरवाइजरी नेग्लीजेंसी के आरोपी प्रधान अवाना को किया सस्पेंड
विभागीय जांच में दोषी विकास अधिकारी कृष्णकांत शर्मा व सहायक लेखाधिकारी जीतेन्द्र छावड़ी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई नही होने का दिया गया था हवाला
भरतपुर। नदबई विधान सभा की उच्चैन पंचायत समिति के प्रधान हिमांशु अवाना के निलंबन आदेश पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। गौरतलब है कि पंचायती राज विभाग द्वारा 11 फरवरी को आदेश जारी कर उच्चैन प्रधान हिमांशु अवाना को निलंबित किया गया था। जिसके विरुद्ध प्रधान हिमांशु ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।हाईकोर्ट ने माना कि जांच में लोकसेवक सरकारी अधिकारियों को दोषी माना गया फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं और सिर्फ सुपरवाइजरी नेग्लीजेंसी के आरोपी प्रधान को ही सस्पेंड किया गया, बताते चलें कि उच्चैन पंचायत समिति में करोड़ों रुपए का फर्जी तरीके से भुगतान करने व पांच सदस्यीय कमेटी की जांच में बिना वित्तीय स्वीकृति के ग्रामीण क्षेत्र में हुए निर्माण कार्यों का करीब एक करोड़ 84 लाख 25620 रुपए का भुगतान करने का आरोप लगाते हुए पंचायतीराज विभाग द्वारा 1994 की धारा 38 (4) के तहत कार्रवाई करते हुए उच्चैन पंचायत समिति प्रधान हिमांशु अवाना को निलंबित करने के मामलें में आरोप साबित नही होने व राजनीति के चलते निलंबन करने का मामला सामने आने पर हाईकोर्ट ने उच्चैन पंचायत समिति प्रधान के निलंबन पर रोक लगा दी है । विभागीय सूत्रों की मानें तो उच्चैन पंचायत समिति प्रधान हिमांशु अवाना का निलंबन करने व विभागीय जांच में दोषी विकास अधिकारी कृष्णकांत शर्मा व सहायक लेखाधिकारी जीतेन्द्र छावड़ी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई नही होने का आरोप लगाते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की। जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता आर.पी. सिंह व सुनील सिंगोदिया ने पैरवी करते हुए पंचातयीराज विभाग के निलंबन को गलत बताया। न्यायालय में आरोप साबित नही होने पर न्यायधीश महेन्द्र गोयल ने याचिका को एडमिट करते हुए उच्चैन पंचायत समिति प्रधान के निलंबन आदेश को रोकने का आदेश दिया है।।
👆भरतपुर से हेमंत दुबे की रिपोर्ट 👆