आखिर कब तक होते रहेगे फाइलों में दफन उपखंड अधिकारी के आदेश,ब्याज वसूली ठप, करीबन15 महीने से नहीं हुई ब्याज की गणना
राजकोष को लाखों की हानि !
राजाखेड़ा।राजाखेड़ा कस्बे के वार्ड नंबर 15 में एक दंपत्ति द्वारा फर्जी तरीके से वृद्धा पेंशन स्वीकृत कराने का मामला अब प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक बन गया है।उपखंड अधिकारी राजाखेड़ा द्वारा जांच के बाद अपात्र पाए जाने पर वसूली के आदेश तो जारी किए गए, परंतु ब्याज की गणना के आदेश फाइलों में ही दफन रह गए।जानकारी के अनुसार,शिकायत मिलने पर उपखंड अधिकारी ने पत्र क्रमांक 680/24 दिनांक 07 सितम्बर 2024 के माध्यम से ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी राजाखेड़ा को निर्देश दिए थे कि वसूली गई राशि पर 18% ब्याज की गणना कर उपखंड कार्यालय में भिजवाने को आदेश जारी किया। ब्याज की राशि को राजकोष में जमा करायी जाए। परंतु करीब 15 माह बीत जाने के बावजूद आज तक ना तो ब्याज की गणना हुई और ना ही राशि जमा कराई गई।फरियादी ने कई बार कार्यवाहक ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी से फोन पर संपर्क किया, लेकिन हर बार टालमटोल भरे जवाब मिले।प्रशासनिक स्तर पर भी आदेशों की पालन न होने से शिकायतकर्ता अब न्याय की गुहार लगाने को मजबूर है।
क्या है पूरा मामला…….राजाखेड़ा के माता प्रसाद पुत्र मोहन सिंह निवासी वार्ड नंबर 15 द्वारा अवैध रूप से वृद्धा पेंशन स्वीकृत करा ली गई थी।मामले की शिकायत उपखंड अधिकारी और जिला कलेक्टर धौलपुर से की गई।जांच में मामला सही पाया गया और वृद्धा पेंशन निरस्त की गई। आश्चर्य की बात यह है कि जिस अधिकारी ने पेंशन स्वीकृत की, वही अधिकारी बाद में उसे निरस्त करने वाला निकला, जिससे प्रशासनिक कार्यशैली पर भी सवाल खड़े होते हैं।स्थानीय सूत्रों के अनुसार पेंशन स्वीकृति में माता प्रसाद और कुछ प्रशासनिक कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा किया गया था।हालांकि राशि की वसूली कर ली गई,लेकिन ब्याज की राशि आज तक राजकोष में नहीं पहुंची।
अब सवाल यह है…..कि जब उपखंड अधिकारी के आदेशों की भी प्रशासन में यह स्थिति है,तो आमजन के आवेदन और शिकायतें कब तक न्याय की राह देखती रहेंगी? क्या जिम्मेदार अधिकारी इस राजकोषीय लापरवाही पर कोई ठोस कार्रवाई करेंगे या यह मामला भी कागजों में ही दफन रह जाएगा?