आदिवासी महाकुंभ मेला राजकीय मेला घोषित, मंत्री मिथलेश ठाकुर ने मेदिनीनराय का बढ़ाया सम्मान ।
वर्षों से वंचित आदिवासी समाज के उत्थान का प्रयास में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार ने ही आखिरकार रंग भरा। होली के अवसर पर हेमंत सोरेन सरकार ने पलामू के दुबियाखांड़ में राजा मेदिनीराय के सम्मान में लगने वाले आदिवासी महाकुंभ विकास मेला को राजकीय मेला घोषित कर साबित कर दिया कि सुबे में वंचितों, मूलवासियों का हितैषी सरकार है। ये दावा किया है झामुमो नेता दीपक तिवारी ने। जिन्होंने मंत्री मिथलेश ठाकुर को प्रमंडल की सरकार बता ढेरों बधाई सहित शुभकामना दी और कहा कि उन्होंने पलामू के इतिहास को उसका सम्मान लौटा दिया है। राज्य स्तरीय पर्यटन संवर्धन समिति के अनुशंसा पर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के उपरांत आदिवासी राजवंश के इतिहास का गवाह पलामू के एकमात्र मेला को जिंदा स्वरूप दिया जाना सरकार की उपलब्धि में गिनी जाएगी। पलामू के सेवादार दीपक तिवारी ने कहा कि नब्बे के दशक से सदर प्रखंड के दुबियाखांड़ मेला अपने अस्तित्व के इंतजार में था। पलामू के दिग्गज राजनीतिज्ञ इंदर सिंह नामधारी ने राजस्व मेला के रूप में इसका शुभारंभ किया था। जिसका उद्देश्य विकास संबंधी सरकारी विभाग मेला में सीधे स्थानीय, आदिवासी, मूलवासी को उनका लाभ दें। पर हर वर्ष मंत्री संतरी की भीड़ लगती रही, पर किसी ने इस मेले को उसका अस्तित्व नहीं दिया। अफसर मनमानी तरीके से मेला का संचालन खानापूर्ति कर कर्तव्यों का इतिश्री कर लेते थे। परंतु जिन्होंने डाल्टनगंज विधानसभा समेत मंत्री का पोस्ट पाया उन्हें राजवंशों की चिंता नहीं रही। सभी विधायक मंत्री बस पोस्टर बनकर रह गए। दीपक तिवारी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछले वर्ष से गढ़वा के विधायक होने के बावजूद भी मंत्री मिथलेश ठाकुर का हम सब के आमंत्रण पर आने का सिलसिला शुरू हुआ तो दूसरे साल में ही मेला को राजकीय मेला घोषित करवा कर हमेशा के लिए जीवंत कर दिया। ये उनकी जनहित, संवेदनशील, सक्रिय प्रवृत्ति की पहचान है, और उनके लिए तमाचा है, जो पलामू को उपेक्षित करने का मनगढ़ंत आरोप वर्तमान की हेमंत सोरेन सरकार पर लगाते हैं। ऐसा जनप्रतिनिधि पलामू को कभी नहीं मिला है, पलामू प्रमंडल की जनता की हर जायज़ मांग को क्षण भर में पूरा करने में मिथलेश ठाकुर से आगे कोई नहीं है। आदिवासियों के हितों को अल्पकाल में ही झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार ने पूरा कर जता दिया कि पलामू पर मुख्यमंत्री समेत सरकार की विशेष निगाह है। आदिवासी महाकुंभ विकास मेला को राजकीय मेला घोषित कर मंत्री मिथलेश ठाकुर ने राजा मेदिनी राय, इंदर सिंह नामधारी के बाद हमेशा के लिए अपना नाम पलामू के दुबियाखांड़ की धरती पर दर्ज कर लिया। अब वो राज्य में मंत्री रहे या केंद्र में सर्वोच्च पद पर दुबियाखांड़ का आदिवासी महाकुंभ उनकी हमेशा प्रतिक्षा करेगा।