प्रदेश का सबसे बड़ा एसएमएस अस्पताल एक बार फिर चिकित्सा क्षेत्र में एक नई ऊंचाई हासिल की

जयपुर

प्रदेश का सबसे बड़ा एसएमएस अस्पताल एक बार फिर चिकित्सा क्षेत्र में एक नई ऊंचाई हासिल की है, चूरू निवासी 21 वर्षीय युवक का दुर्लभ बीमारी की सर्जरी कर उसे नया जीवनदान दिया है। और भविष्य में भी ऐसे ही कई और जटिल मामलों का सफलतापूर्वक समाधान करने की दिशा में अग्रसर है। चूरू निवासी 21 वर्षीय युवक जो युवावस्था में एड्रेनल ग्रंथियों में फियोक्रोमोसाइटोमा नामक ट्यूमर के कारण अत्यधिक उच्च रक्तचाप और सिरदर्द की समस्या से जूझ रहा था, युवक ने चूरू के कई बड़े निजी अस्पतालों में उपचार कराया, लेकिन किसी भी डॉक्टर को बीमारी का सही कारण पता नहीं चल सका। अंततः, एसएमएस अस्पताल के जनरल सर्जरी के डॉ अमित गोयल, डॉक्टर नरेंद्र शर्मा, की ओपीडी में जांच के बाद युवक की दोनों एड्रेनल ग्रंथियों में फियोक्रोमोसाइटोमा नामक ट्यूमर का पता चला। उनकी टीम ने चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में दाईं तरफ की एड्रेनल ग्रंथि का थोड़ा भाग सही होने के कारण उसे बचाते हुए ट्यूमर को निकाल दिया गया। डॉ अमित गोयल ने बताया कि फियोक्रोमोसाइटोमा के लक्षणों को पहचानना और इसका समय पर उपचार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के ट्यूमर से उत्पन्न हार्मोन उच्च रक्तचाप और अन्य गंभीर लक्षण पैदा कर सकते हैं, जिनका समय पर निदान और उपचार न होने पर मरीज की जान को खतरा हो सकता है। यह ऑपरेशन राज्य में एड्रेनल ग्रंथियों के फियोक्रोमोसाइटोमा का दूरबीन द्वारा पहली बार सफल ऑपरेशन होने के कारण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। इससे प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगी है और अन्य मरीजों के लिए भी यह ऑपरेशन एक प्रेरणा बनेगा। डॉक्टर नरेंद्र शर्मा ने बताया कि फियोक्रोमोसाइटोमा एक ऐसा ट्यूमर है जो हार्मोन जारी करता है, जिससे उच्च रक्तचाप, सिरदर्द, पसीना आना और पैनिक अटैक जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। यदि इसका इलाज समय पर न हो, तो यह शरीर की अन्य प्रणालियों को गंभीर या जानलेवा क्षति पहुंचा सकता है। इस सर्जरी की सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि यह राज्य में पहली बार दूरबीन (लैप्रोस्कोपिक) तकनीक का उपयोग करके किया गया, जिससे सर्जरी के दौरान न्यूनतम आक्रामकता बनी रही और मरीज को जल्दी रिकवरी का मौका मिला। निजी अस्पतालों में इस प्रकार की सर्जरी का खर्च करीब 5 लाख रुपये होता है, लेकिन प्रदेश के एसएमएस अस्पताल में यह ऑपरेशन मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना (माँ) के तहत निशुल्क किया गया। इस योजना के अंतर्गत मरीज को सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं बिना किसी खर्च के उपलब्ध कराई गईं और सफल ऑपरेशन के बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। यह रही टीम मरीज के उपचार में डॉक्टरों की टीम ने अत्यंत समर्पण और कौशल का प्रदर्शन किया। यूनिट हेड के मार्गदर्शन में डॉक्टर शालू गुप्ता, एच.ओ.डी. प्रभा ओम के निर्देशन में डॉक्टर अमित गोयल, डॉक्टर नरेंद्र शर्मा, और रेजिडेंट्स डॉ. केशव, डॉ. रोहन, डॉ. देबारथी बैनर्जी ने अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ का भी सहयोग सराहनीय रहा। मरीज और उसके परिवार ने एसएमएस अस्पताल और डॉक्टरों की टीम के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की उन्नत चिकित्सा सेवा और मुफ्त उपचार से उन्हें बहुत राहत मिली है। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना (माँ) के तहत मिले निशुल्क उपचार ने उनके लिए यह संभव बनाया और वे इसके लिए सरकार और अस्पताल प्रशासन के प्रति आभारी हैं।

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